NADA may 'outsource' sample collection work in IPL
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    मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) ने इंडियन प्रीमियर लीग 2022 (Indian Premier League 2022) के डॉन नई टीमों के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है। बीसीसीआई द्वारा जारी किए अधिसूचना के अनुसार बोर्ड 25 अक्टूबर को आईपीएल 2022 में जुड़ने वाली दो नई टीमों का ऐलान करेगा। वहीं इन टीमों को खरीदने के लिए करीब 12 बिज़नेस समूहों ने टेंडर भरा है। 

    इन कंपनियों ने भरा टेंडर

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12 पार्टियों ने इसके टेंडर खरीद चुके हैं। इनमें संजीव गोयनका ग्रुप, मशहूर फार्मा कंपनी टॉरेंट, अरबिंदो फार्मा, ब्रॉडकास्ट और स्पोर्ट्स कंसल्टिंग एजेंसियां आईटीडब्ल्यू, ग्रुप एम, कंसोर्टियम ऑफ सिंगापुर स्थित प्राइवेट इक्विटी फर्म और कुछ अन्य पार्टियां शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अडानी ग्रुप ने फिलहाल टेंडर नहीं खरीदा है। सूत्रों के मुताबिक, टेंडर खरीदने की तारीख नजदीक आने पर वो इसमें शामिल होंगे।

    10 अक्टूबर आखिरी तारीख

    दो नई टीमों  को लेकर आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने 30 सितंबर 2021 तक निविदा भरने की अंतिम तारीख रखी है। नॉन-रिफेंडल टेंडर मनी के साथ दस्तावेज जारी किया था। हालांकि बाद में जय शाह ने इस तारीख को बढाकर 10 अक्टूबर कर दिया है। 

    ये शहर दौड़ में शामिल:

    बीसीसीआई के अनुसार, अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम, पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन और लखनऊ के एकाना स्टेडियम दौड़ में सबसे आगे हैं। इन शहरों के नाम आगे रहने के पीछे यहां मौजूद स्टेडियम में दर्शकों की बैठने की संख्या है

    बोर्ड ने रखा ये माप-दंड:

    • सालाना 3000 करोड़ रुपये या इससे अधिक का टर्न ओवर रखने वाली कंपनियों को ही बोली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
    • निविदा में भाग लेने के लिए आधार मूल्य 2000 करोड़ रुपये रखा गया है।
    • तीन से अधिक कंपनियों को समूह बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन यदि तीन कंपनियां साथ में आकर एक टीम के लिए बोली लगाना चाहती हैं तो ऐसा वे कर सकते हैं।
    • एक पार्टी दो शहरों के लिए बोली लगा सकती है। इन शहरों में अहमदाबाद, लखनऊ, इंदौर, कटक, गुवाहाटी और धर्मशाला शामिल हैं।
    • टीमों को 10 वर्षों के लिए हर साल 10 प्रतिशत और 10 वर्षों के बाद 20 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। इसके बदले में बीसीसीआई प्रत्येक सत्र के बाद केंद्रीय पूल से राजस्व का 50 प्रतिशत साझा करेगा।