
मुंबई, भारत के सफल कप्तान विराट कोहली आज सबके चहेते खिलाडी है। विराट कोहली आज रन मशीन के नाम से मशहूर है। आज विराट कोहली अपना 31वां जन्मदिन मना रहे है। उनका जन्म 5 नवंबर 1988 में दिल्ली में हुआ था।
मुंबई, भारत के सफल कप्तान विराट कोहली आज सबके चहेते खिलाडी है। विराट कोहली आज रन मशीन के नाम से मशहूर है। आज विराट कोहली अपना 31वां जन्मदिन मना रहे है। उनका जन्म 5 नवंबर 1988 में दिल्ली में हुआ था। भारतीय क्रिकेट बिना विराट कोहली के खाली नजर आता है। लेकिन विराट आज जिस मुकाम पर हैं उसके लिए उन्हें काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी और कईमुश्किलों का सामना करना पड़ा। आइये आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानते है उनकी जिन्दगी के बारे में कुछ बातें।
18 दिसंबर 2006 इस दिन ने विराट कोहली की जिंदगी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। उस दिन दिल्ली और कर्णाटक के बीच मैच खेला जा रहा था। उस दिन 18 साल के विराट ने कुछ ऐसा किया जिससे उनकी अपनी ही टीम नहीं बल्कि, विरोधियों को भी चौक गए।दिल्ली और कर्णाटक के बीच मैच शुरू हुआ। कर्नाटक ने पहले खेलते हुए अपनी पहली पारी में 446 रन बनाया था। लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली की टीम ने अपने शुरुआती 100 रन के अंदर ही 5 विकेट गंवा दिए थे।अब इतने बड़े लक्ष्य को पूरा करने के जिम्मेदारी विराट कोहली पर थी। विराट के साथ टीम के विकेट कीपर पुनीत बिष्ट बैटिंग कर रहे थे।दूसरे दिन का खेल खत्म होने पर विराट ने अपना विकेट बचाए रखा था और वो 40 रन पर नॉटआउट थे। दिल्ली टीम का स्कोर 103 रन था जिसमें अकेले विराट का योगदान 40 रन का था। मैच बचाने की जिम्मेदारी तीसरे दिन विराट पर ही थी।
लेकिन लेकिन उसी रात विराट कोहली के 54 वर्षीय पिता प्रेम कोहली का अचानक से दिल का दौरा पड़ने की वजह से देहांत हो गया। ये खबर जब टीम के कोच चेतन चौहान को मिली तब उन्होंने इसकी सूचना विराट को दी।इसके बाद सभी ने विराट से कहा की वो मैच छोड़ कर अपने परिवार के पास जाए, लेकिन विराट ने अपने फैसले से सभी को हैरान कर दिया। विराट अगले दिन पिता के अंतिम संस्कार में जाने की बजाय दिल्ली को हार से बचाने के लिए मैदान में उतर गए। मैदान में जब विरोधी दल ने विराट कोहली को देखा तो उन्हें यकीन नहीं हुआ कि वो लड़का जिसके पिता का पिछली रात देहांत हो गया है वो आज मैदान में खेलने के लिए हाजिर है।फिर भी विराट ने मैदान में उतरकर बल्लेबाजी करते हुए 238 गेंदों का सामना करके 90 रन बनाए।
जब विराट आउट हुए तो उनकी टीम खतरे से बाहर थी। उस वक्त दिल्ली को जीत के लिए केवल 36 रनों की जरूरत थी।आउट होने के बाद विराट कोहली ड्रेसिंग रूम में पहुंचे और अपने आउट होने का रिप्ले टीवी पर देखा। इसके बाद वह चुपचाप अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए निकल पड़े। उस दिन की इस एक घटना ने 18 साल के युवा विराट को एक परिपक्व और गंभीर खिलाड़ी में तब्दील कर दिया। इसके बाद विराट कोहली ने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा और हर रोज नई ऊंचाइयों को छूते गए।आज विराट कोहली के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में इतने रिकॉर्ड दर्ज है कि आपके हाथ की उंगलियां खत्म हो जाएंगी लेकिन रिकॉर्ड की लिस्ट खत्म नहीं होगी।