ज़ाहिर खान: एक इंजीनयर जिसने दुनिया को पुरानी बॉल से स्विंग करना सिखाया

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    नई दिल्‍ली: अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में जब भी तेज गेंदबाजों की बात होगी तो उसमें ज़ाहिर खान की बात प्रमुखता से की जाएगी। टीम इंडिया स्टार गेंदबाज रहे जहीर खान आज अपना ४२वां जन्‍मदिन मना रहे हैं।  बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने टीम इंडिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण को बुलंदियों पर पहुंचाया और विरोधी टीम के बल्‍लेबाजों के लिए खौफ बने। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भी कह चुके हैं कि टीम इंडिया के पास जहीर खान जैसा धाकड़ गेंदबाज था, जिसका सामना करना किसी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं था। 14 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जहीर खान ने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया, इसी के साथ वह उन युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं जो भविष्य में तेज गेंदबाज बनना चाहते हैं। 

    जहीर खान का जन्म 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अपनी शुरुआती पढ़ाई श्रीरामपुर के हिंद सेवा मंडल न्यू मराठी प्राइमरी स्कूल और फिर केजे सोमैया सेकेंडरी स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने बीटेक में एडमिशन लिया। मगर जहीर की क्रिकेट के प्रति दीवानगी जगजाहिर थी। जहीर की इस दीवानगी को उनके पिता ने पहचाना। उन्होंने अपने बेटे से कहा कि देश में इंजीनियर तो बहुत मिल जाएंगे तो तुम तेज गेंदबाज ही बनो। फिर जो हुआ, वह क्रिकेट प्रेमियों को अच्‍छे से पता है।

    17 साल  की उम्र में आए मुंबई 

    17 साल के जहीर को उनके पिता मुंबई ले आए और जूनियर क्रिकेट में एडमिशन करा दिया। जिमखाना के खिलाफ फाइनल में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने सात विकेट झटके और सुर्खियों में आए। जल्‍द ही जहीर को मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में शामिल किया गया। जहीर अपनी गति से एमआरएफ पेस फाउंडेशन को भी प्रभावित करने में सफल रहे और उन्हें चेन्‍नई बुलाया गया। यहां टीए शेखर की देखरेख में उनकी गेंदबाजी में निखार आया।

    2000 में किया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण 

     जहीर को अक्‍टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ भारत की वनडे टीम में शामिल किया गया। उन्‍होंने अपने पहले ही मैच में तीन विकेट लेकर सनसनी मचा दी और इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाकेदार दस्‍तक दी। फिर इसी साल नवंबर में उन्‍हें टेस्‍ट टीम में भी चुन लिया गया। जहीर ने अपना टेस्‍ट डेब्‍यू बांग्‍लादेश के खिलाफ किया। 14 साल के इंटरनेशनल करियर में जहीर ने 92 टेस्‍ट में 311 विकेट चटकाए। इसके अलावा 200 वनडे में 282 विकेट तथा 17 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 17 विकेट लिए। जहीर ने कुल 610 विकेटों लिए हैं।

    वो समय जब जूझ रहे थे जहीर

    जहीर खान टीम इंडिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुवा बन चुके थे। मगर एक ऐसा भी समय आया जब वह अपनी लय गंवा चुके थे। 2005-06 के समय जहीर बेहद खराब दौर से गुजरे। वह विकेट लेने के लिए संघर्ष करते दिखे और चोट से भी उनका करियर प्रभावित रहा। वह समय ऐसा था जब लगा कि जहीर के करियर पर विराम लग जाएगा क्योंकि इरफान पठान और आरपी सिंह जैसे बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों ने अपनी दावेदारी पेश कर रखी थी। मगर जहीर ने हिम्मत नहीं हारी और 2007-08 में धमाकेदार वापसी की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और विरोधी बल्लेबाजों पर खौफ बनकर टूटे।

    क्रिकेट को दी नकल बॉल 

    आज नकल बॉल दुनिया के तेज गेंदबाजों का प्रमुख हथियार है। जिसके मदद ने बड़े से बड़े बल्लेबाज टिक नहीं पाते। इस बॉल की खोज जाहिर ने ही की। नकल बॉल से जहीर ने काफी विकेट हासिल किए। इसके बाद जहीर से सीखकर भुवनेश्वर कुमार, एंड्रयू टाई और जोफ्रा आर्चर जैसे दिग्गज गेंदबाजों ने भी इसे अपना प्रमुख हथियार बनाया। इसी के साथ पुरानी गेंद को किस तरह स्विंग कराया जाता है वह दुनिया ने  जहीर खान से सीखा है। उन्हें रिवर्स स्विंग का बादशाह भी माना जाता है। पुरानी गेंद को गजब का स्विंग करा उन्होंने बल्लेबाजों को खूब परेशान किया।

    2011 विश्‍व कप जितने में निभाई अहम् भूमिका

    जहीर खान ने 2011 विश्‍व कप में उम्‍दा प्रदर्शन किया था। यह कहना गलत नहीं होगा कि धोनी ब्रिगेड को चैंपियन बनाने में जहीर ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्‍होंने टूर्नामेंट में कुल 21 विकेट लिए थे और शाहिद अफरीदी के साथ वह संयुक्‍त रूप से सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। वैसे, जहीर ने रिकॉर्ड बनाया कि वह विश्‍व कप के एक एडिशन में सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने।