भारत ने 8वीं बार जीता सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप, भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने ‘इन्हें’ दिया जीत का श्रेय

    Loading

    माले: करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री (Football Captain Sunil Chhetri) ने सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप (SAFF Football Championship) में पांच गोल दागकर भारत को आठवां खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन उन्होंने टीम की जीत का श्रेय युवा खिलाड़ियों को दिया। पिछले 10 साल से भारत के शीर्ष फुटबॉल खिलाड़ी रहे 37 साल के छेत्री ने शनिवार को खिताबी मुकाबले में नेपाल के खिलाफ पहला और अपने करियर का 80वां अंतरराष्ट्रीय गोल दागकर महान खिलाड़ी पेले को पीछे छोड़ा जबकि लियोनल मेस्सी की बराबरी की।

    छेत्री ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘युवाओं को देखिए… उन सभी के लिए अच्छा लग रहा है। यह उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही संभव हो पाया। फाइनल तक हम 20 दिन यहां थे, हमने इस दौरान रोजाना अभ्यास सत्र और मैचों में हिस्सा लिया।” उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत विशेष है क्योंकि पहले दो मैचों में हमारा प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं था। हम जिस स्थिति में थे उससे निकलना और हमने जैसा प्रदर्शन किया, वैसा प्रदर्शन करना आसान नहीं था।”

    छेत्री तीसरी बार सैफ चैंपियनशिप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हैं। वह इससे पहले 2011 और 2015 में भी इस क्षेत्रीय टूर्नामेंट को जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। टूर्नामेंट में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और पहले दो मैचों में उसे बांग्लादेश (1-1) और श्रीलंका (0-0) ने बराबरी पर रोका। छेत्री ने बाद में ट्वीट किया था, ‘‘जिस तरह चाहते थे उस तरह की शुरुआत नहीं हुई लेकिन अंत बिलकुल वैसा हुआ जैसा हम चाहते थे। खिलाड़ियों के इस समूह पर गर्व है और जिस तरह हम चीजों को पटरी पर लाए उस पर भी।”

    छेत्री ने भारत के आठ में से पांच गोल दागे। उन्होंने शनिवार को गोल करने वाले भारत के दो अन्य खिलाड़ियों सुरेश सिंह और सहल अब्दुल समद की भी तारीफ की। कप्तान ने कहा, ‘‘मैंने सहल को खेलते हुए देखने का लुत्फ उठाया। सुरेश, आपने जैसे गोल किया उसे आदत बनाओ।” सहल ने कहा कि यह ‘अविश्वसनीय’ लम्हा और ‘करिश्मा’ था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि बॉक्स के अंदर क्या हुआ। मैं अंतिम चार-पांच मिनट के लिए मैदान पर उतरा। टीम के मेरे साथी कड़ी मेहनत कर रहे थे- इसके हकदार वे सभी हैं।” सहल ने कहा, ‘‘मुझे याद नहीं कि बॉक्स के अंदर क्या हुआ। मुझे गेंद मिली और मैं अंदर गया। यह शानदार अहसास है।”

    मुख्य कोच इगोर स्टिमक को लीग मैच में मालदीव के खिलाफ लाल कार्ड दिखाए जाने के बाद खिताबी मुकाबले के लिए डगआउट से प्रतिबंधित किया गया था। स्टिमक ने कहा, ‘‘लड़कों ने कर दिखाया।” स्टिमक जिरी पेसेक (1993) और स्टीफन कोंसटेनटाइन (2015) के बाद तीसरे विदेशी कोच हैं जिन्होंने भारतीय टीम के साथ खिताब जीता है। भारत ने इस ट्रॉफी को टीम के दो चोटिल साथियों फारुख चौधरी और ब्रेंडन फर्नांडिस को समर्पित किया जो मैदान पर नहीं आ पाए। मंदार राव देसाई और ग्लेन मार्टिन्स ब्रेंडन की जर्सी साथ लेकर पहुंचे जबकि राहुल भेके ने पोडियम पर फारुख की जर्सी पहनी।

    भेके ने कहा, ‘‘फारुख और ब्रेंडन भी यहां मौजूद हैं और इस खिताबी जीत का हिस्सा हैं। इस चैंपियनशिप में उनका योगदान लोगों की नजर से दूर नहीं रह सकता।” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने फारुख की जर्सी पहनी क्योंकि मैं चाहता था कि वह ट्रॉफी के जश्न के दौरान हमारे साथ हो।” इस खिताबी जीत के साथ भारत ने इस क्षेत्रीय टूर्नामेंट में अपना दबदबा बरकरार रखा। 

    भारत 13 बार टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हुए 12 बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा है। भारतीय खिलाड़ी रविवार रात बेंगलुरू के लिए रवाना होंगे जहां वे अपने इंडियन सुपर लीग क्लबों से जुड़ेंगे। गोलकीपर मोइरांगथेम धीरज सिंह सहित अंडर 23 खिलाड़ी कुछ दिन बेंगलुरू में रुकेंगे और फिर 20 अक्टूबर को एएफसी अंडर 23 क्वालीफायर के लिए दुबई रवाना होंगे। (एजेंसी)