फिटनेस भारतीय हॉकी टीम की सबसे बड़ी पूंजी, टोक्यो में जीत सकती है पदक : धनराज

    Loading

    नई दिल्ली. भारतीय हॉकी के दिग्गज धनराज पिल्लै का मानना है कि इस बार बेहद फिट टीम टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने के लिये जा रही है और वह पदक के पिछले 41 वर्षों के इंतजार को खत्म कर सकती है। धनराज ने 1992 से लेकर 2004 तक लगातार चार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई से शुरू होने वाले तोक्यो खेलों के लिये मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम की सबसे बड़ी पूंजी फिटनेस है। भारत ने आखिरी बार 1980 मॉस्को ओलंपिक खेलों में हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था।

    इस 52 वर्षीय खिलाड़ी ने हॉकी इंडिया की ‘फ्लैशबैक सीरीज’ के अंतर्गत कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि वे इस बार पदक जीतने में सफल रहेंगे। वे पिछले पांच वर्षों से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। फिटनेस उनकी सबसे बड़ी पूंजी है। हमारे जमाने में वैसी सुविधाएं नहीं थी जो आज उनके पास है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस टीम ने आश्चर्यजनक परिणाम दिये हैं। उसने हाल में विशेषकर चैंपियन्स ट्राफी (2016 और 2018) तथा विश्व लीग फाइनल्स (2015 और 2017) में अपने प्रदर्शन से लाखों लोगों का दिल जीता है।”

    कोविड-19 के कड़े दिशानिर्देशों के कारण धनराज टीम से नहीं मिल पाये। उन्होंने मनप्रीत और महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल को पत्र लिखकर तोक्यो में सफलता की शुभकामना दी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बेंगलुरू में हूं और मुझे उनसे मिलकर अच्छा लगता लेकिन प्रोटोकॉल के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया। मैंने उन्हें पत्र भेजकर उन्हें शुभकामनाएं भेजी है। मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि जब वे ओलंपिक गांव में रहें तो अपने खानपान के प्रति सतर्क रहें।” 

    उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे कहना चाहता हूं कि उन्हें शांतचित और सहज रहकर अपने खेल जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दौर का आनंद उठाना चाहिए।” धनराज ने कहा, ‘‘पुरुष और महिला टीमों से मैं कहना चाहता हूं कि वे पदक जीतने के बारे में नहीं सोचें। वे मैच दर दर आगे बढें और आखिर तक एक इकाई के तौर पर एकजुट रहें। हमने हर ओलंपिक खेलों में यह गलती की कि हमने मैच दर मैच आगे बढ़ने के बजाय फाइनल को लक्ष्य बनाया।” (एजेंसी)