हॉकी नहीं भारत का राष्ट्रीय खेल! RTI का सरकार ने दिया जवाब

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    नई दिल्ली: खेलों का महाकुंभ टोक्यो ओलंपिक 8 अगस्त को खत्म हो चुका है। इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। भारत में इस बार कुल 7 मेडल आए हैं। जिसमें भारत की पुरुष हॉकी टीम भी शामिल है, जिसने कांस्य पदक अपने नाम किया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर कई प्रशंसा और आलोचनात्मक पोस्ट शेयर किए गए। जिसमें हॉकी को राष्ट्रीय खेल बताया गया। लेकिन क्या हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है?

    जैसे हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, राष्ट्रगान जन-गण-मन है, राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चक्र है। उसी तरह कई देशों के राष्ट्रीय खेल भी हैं. जैसे इंग्लैंड का राष्ट्रिय खेल क्रिकेट है, अमेरिका का बेसबॉल, ब्राज़ील और फ्रांस का फुटबॉल है। वैसी ही हमारा राष्ट्रीय खेल कौन सा है? अब आपके मन में एक ही विचार आएगा की हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है? तो यह गलत है. हमारा राष्ट्रीय खेल हॉकी नहीं है। 

    दरअसल, भारत के राष्ट्रीय खेल को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं, जिस पर सरकार बता चुकी है कि हमारा राष्ट्रीय खेल हॉकी नहीं है। इसी साल मार्च में यूपी के गोरखपुर के एक लॉ के विद्यार्थी शिवम् कुमार गुप्ता ने RTI के जरिए खेल मंत्रालय से राष्ट्रीय खेल पर जवाब मांगा था। उसने आरटीआई में सरकार से पूछा था कि, ‘भारत सरकार ने किस खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता दी है?

    विद्यार्थी के सवाल का जवाब देते हुए खेल मंत्रालय ने पत्र भेजकर कहा था कि, भारत सरकार ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता नहीं दी है।  सरकार का उद्देश्य सभी खेलों को प्रोत्साहित करना है। बता दें कि, कई साल पहले ऐश्वर्य पराशर नामक युवक ने भी यही सवाल सरकार को आरटीआई की माध्यम से  किया था। उस पर जवाब देते हुए सरकार ने कहा था कि हॉकी सामान्य खेलों की तरह है।

    हालांकि, हॉकी को प्राथमिकता दी गई है लेकिन यह राष्ट्रीय खेल नहीं है।  हमारे देश में हॉकी एक लोकप्रिय खेल माना जाता है। भारत ने वर्ष 1928 से 1956 तक ओलंपिक में छह बार गोल मेडल जीते है। उस वक्त मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी जादूगर’ के नाम से जाना जाता था। बता दें कि, हाल ही में सरकार ने राजीव गांधी खेल पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल पुरस्कार कर दिया है।