1983 World Cup winning players urge wrestlers not to take hasty decision like dumping medals into Ganga

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नयी दिल्ली: प्रदर्शनकारी पहलवानों (Wrestlers) द्वारा अपने पदक गंगा में बहाने की आशंका से चिंतित 1983 विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम (1983 World Cup Winner) ने शुक्रवार को उनसे आनन फानन में फैसला नहीं लेने का अनुरोध करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी शिकायतों का हल निकाला जायेगा।

भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया 30 मई को हरिद्वार गए थे लेकिन पदकों को गंगा में विसर्जित नहीं किया। दिल्ली पुलिस ने 28 मई को प्रदर्शनकारी पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में लिया था जब वे अनुमति के बिना नयी संसद की तरफ मार्च कर रहे थे।

1983 विश्व कप विजेता टीम ने पीटीआई को जारी बयान में कहा ,‘‘ हम चैम्पियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं। हमें इसकी काफी चिंता है कि वे मेहनत से जीते गए पदकों को गंगा में बहाने की सोच रहे हैं।”

उन्होंने आगे लिखा ,‘‘ इन पदकों के पीछे बरसों के प्रयास, बलिदान, समर्पण और मेहनत शामिल है। वे उनका ही नहीं बल्कि देश का गौरव हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आनन फानन में फैसला नहीं ले और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतें सुनी जायेंगी और उनका हल निकाला जायेगा।कानून को अपना काम करने दीजिये।”

कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप 1983 जीतने वाली टीम में सुनील गावस्कर, मोहिदर अमरनाथ, के श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, बलविंदर सिंह संधू, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी और रवि शास्त्री भी थे। (एजेंसी)