अनीता शोरेन: एक बच्चे की मां फिर भी कॉमनवेल्थ विजेता को दी थी पटखनी, जीता गोल्ड मेडल

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    नई दिल्ली: भारत की एक महिला पहलवान अनीता श्योराण (Anita Sheoran Birthday) आज अपना 37 वां जन्मदिन मना रही है। उनका जन्म आज ही के दिन यानी 24 नवंबर 1984 हरियाणा के धानी महू गांव में हुआ। उन्होंने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में कई पदक जीतने के साथ-साथ 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है।

    अनीता की उपलब्धियां 

    • 2005 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में 67 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में भाग लेते हुए अनीता ने कांस्य पदक जीता। उन्होंने 2008 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में, श्योराण ने 59 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। 
    • वहीं 59 किग्रा वर्ग में 2008 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता श्योराण ने साल 2009 में भोपाल के राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप में  63 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भाग लिया। उच्च भार वर्ग में खलेने का उनका निर्णय निर्णय फलदायी साबित हुआ क्योंकि उन्होंने फाइनल में गत राष्ट्रीय चैंपियन गीतिका जाखड़ को हराकर महिलाओं की 63 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में नई चैंपियन बनीं।  बाद में वर्ष में उसने राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में भाग लिया, जहाँ वह कनाडा की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता जस्टिन बूचार्ड से हारने के बाद रजत पदक के लिए बस गई। 
    • अनीता ने साल 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के  पहले दौर में स्कॉटलैंड के एशले मैकमैनस के खिलाफ एक आरामदायक जीत दर्ज की। जिसके बाद उनका मुकाबला फाइनल में कनाडा के मेगन ब्यूडेंस से हुआ। जिन्होंने शुरुआती दौर में नाइजीरियाई विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता इफोमा इहेनाचो को हराया था। श्योराण ने 67 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में कनाडा मेगन ब्यूडेंस को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया । 
    • भारत के 34वें राष्ट्रीय खेलों में जो 2011 में रांची में आयोजित किया गया था। वहां हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए श्योराण ने महिलाओं की 63 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में मणिपुर की एन तोम्बी देवी को हराकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं दूसरे साल मेलबर्न में 2011 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेते हुए श्योराण ने कनाडा के डोरी येट्स के खिलाफ फाइनल में हार के बाद रजत पदक के साथ समाधानी होना पड़ा। 
    • 2012 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए श्योराण ने 63 किलोग्राम फ्रीस्टाइल श्रेणी के तहत एशियाई ओलंपिक योग्यता टूर्नामेंट में भाग लिया। उसने कांस्य पदक जीत लिया, लेकिन ओलंपिक स्थान हासिल नहीं कर सकी। श्योरेन ने जोहान्सबर्ग में 2013 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेते हुए अंतिम मुकाबले  में नाइजीरिया की इफोमा इहेनाचो से हारने के बाद रजत पदक से समझौता कर लिया। 
    • भारत के केरला में साल 2015 में 35वें राष्ट्रीय खेलों आयोजन किया गया था। हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने वाली श्योराण ने महिलाओं की 63 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में उत्तर प्रदेश की रजनी को 4-2 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं  साल 2016 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में श्योराण ने सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया के जोंग सिम रिम से हारने के बाद रेपेचेज दौर में उज्बेकिस्तान के निलुफर गाडेवा (गिरावट से) को हराकर कांस्य पदक जीता था।
    • शादी के बाद वापसी करते हुए टाटा मोटर्स सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप एक बच्चे की मां अनिता श्योराण ने 68 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में राष्ट्रमंडल खेलों की ब्रॉन्ज मेडल विजेता रेलवे की दिव्या काकरान को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर सबको चौंका दिया। अनीता का कहना था, मैने पहले ही टारगेट बनाया था मुझे कॉमनवेल्थ गेम्स की ब्रान्ड मेडलिस्ट दिव्या को हराना है। बता दें कि अनीता श्योराण अभी हरियाणा पुलिस में एक इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत हैं।

    पुरुष पार्टनर के साथ की तैयारी

    अनीता श्योरेन ने मधुबन में महिला पार्टनर न होने के कारण पुरुष पार्टनर के साथ तैयारी की थी। मधुबन में पोस्टेड इस्पेक्टर अनिता कॉमनवेल्थ गेम्स में जाना चाहती थी इसलिए उन्होंने अपनी कैटेगरी 65 किग्रा से बदल कर 68 की है। अनीता ने 2018 साल 65 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था। 

    दिया सास ने साथ  

    अनीता श्योरेन को गेम पर फोकस करने के लिए उनकी सास कहती थी। उन्होंने ने ही अनीता का खेल में आगे बढ़ने किए लिए साथ  दिया। अनीता ने रेसलिंग पर अपने जीवन के 20 साल दिए है। इसलिए उनके लिए यह पल बहुत ही यादगार है।