अंजलि भागवत: ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला, किस्मत से रखा शूटिंग में कदम

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    नई दिल्ली: भारत की पूर्व दिग्गज महिला निशानेबाज (Shooting) अंजलि भागवत (Anjali Bhagwat Birthday) का आज यानी 5 दिसंबर को जन्मदिन है। इस साल वह अपना 52वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका जन्म आज ही के दिन साल 1969 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई (Mumbai) शहर में एक मराठी परिवार में हुआ था। अंजलि को खेलो के प्रति रूचि महान एथलीट कार्ल लुईस को देखकर आई थी। शादी से पहले अंजलि का नाम अंजलि वेद पाठक था। साल 2000 में उन्होंने बिजनेसमैन मंदार भागवत से शादी की थी।

    किस्मत से आईं निशानेबाजी में 

    अंजलि वर्ष 2002 में हुए मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में व्यक्तिगत और टीम इवेंट में चार स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियों में आ गई थी। अंजलि भागवत अपनी किस्मत से निशानेबाज़ी कदम रहा था। दरअसल, हुआ कुछ ऐसा था कि मुंबई के कीर्ति कॉलेज में एनसीसी की इंटर कॉलेज शूटिंग प्रतियोगिता चल रही थी। इस प्रतियोगिता में उनकी एक साथी कैडेट को भाग लेना था लेकिन वह बीमार पड़ गई, उसकी जगह अंजलि ने प्रतियोगिता में भाग लिया। जब उन्होंने इवेंट में निशाने साधने शुरू किए तो एक-एक कर के चूकते गए। जब वह फिर जाने लगीं तब महाराष्ट्र राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष बी। बी। राम ने अंजलि को देखा और कुछ समझाते हुए उन्हें फिर से कोशिश करने के लिए कहा।

    ओलंपिक के फ़ाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला 

    दरअसल, वो शूटिंग प्रतियोगिता आयोजित इसलिए की गई थी, क्योंकि राज्य की निशानेबाजी टीम को कुछ महिला खिलाड़ियों को जरूरत थी। इस प्रतियोगिता से अंजलि को महाराष्ट्र की महिला शूटिंग टीम में शामिल कर लिया गया। 10 दिन की ट्रेनिंग में उन्होंने बहुत कुछ सीखा। ट्रेनिंग के बाद अंजलि ने साल 1988 में राष्ट्रीय निशानेबाज़ी प्रतियोगिता में रजत पदक भी जीता। वर्ष 2000 में अंजलि भागवत ने सिडनी ओलंपिक में भाग लिया। वह ओलंपिक में फाइनल तक पहुंचने वाली प्रथम भारतीय निशानेबाज बन गई थी। 

    बनीं चैंपियन ऑफ चैंपियन

    इसके अलावा साल 2002 में अंजलि भागवत ने म्यूनिख शूटिंग वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल हासिल किया। वह यह मेडल हासिल करने वाली प्रथम भारतीय निशानेबाज हैं। अंजलि ने उसी साल निशानेबाजी में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी भी बन गई थीं। साथ ही उसी वर्ष पुरुषों व महिलाओं के मुकाबले में जीतकर वह ‘चैंपियन ऑफ चैंपियन’ भी बनी थीं।

    अर्जुन और खेल रत्न अवार्ड से हैं सम्मानित 

    अंजलि भागवत की शानदार निशानेबाजी के बदौलत उन्हें वर्ष 2000 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। फिर साल 2002 में खेलों के सबसे बड़े पुरस्कार ‘राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड’ से भी उन्हें नवाज़ा गया था। साथ ही अंजलि को ‘छत्रपति पुरस्कार’, ‘महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार’ व ‘महाराष्ट्र प्रतिष्ठा पुरस्कार’ जैसे कई सम्मानों से सम्मानित किया गया है। अंजलि को विश्वास है कि क्रिकेट की तरह ही एक दिन निशानेबाजी का खेल भी भारतीय दर्शकों के बीच लोकप्रिय ज़रूर होगा।