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18 साल की कोमोलिका बारी (Komalika Bari) पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं।

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    मुंबई. किसी भी लड़की के लिए उसके पिता से अच्छा कोई और दोस्त नहीं। एक पिता अपनी बेटी की हर ख्वाहिश पूरी करने के लिए जी-जान लगा देता है। अपनी बेटी को दुनिया की हर ख़ुशी देना चाहता हैं। बेटी का ड्रीम कब पिता का सपना बन जाता है पता भी नहीं चलता। ऐसे ही एक पिता ने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए अपने घर बेच दिया। हम बात कर रहे हैं, इंटरनेशनल तीरंदाज कोमोलिका बारी (Komalika Bari) की। 

    कोमोलिका बारी के पिता ने उनके खेल के लिए अपना घर बेच दिया। कोमोलिका ने बताया कि, उनके पिता ने उनके खेल के लिए चाय बेचने का काम शुरू किया। वहीं, घर का खर्च चलाना मुश्किल हुआ तो उन्होंने एलआईसी में एजेंट बनकर पॉलिसियां बेचीं। अपने पिता की मेहनत को देखते हुए अब कोमोलिका अपने पिता का सपना पूरा करना चाहती हैं। वह ओलंपिक में पदक जीतकर पिता का सपना पूरा करना चाहती हैं। 

    कोमोलिका ने कुछ दिन पहले देहरादून में हुई 41वीं जूनियर रिकर्व चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करते हुए झारखंड को ओवरऑल चैंपियन बनाया। कोमोलिका ने इंडिविजुअल में स्वर्ण पदक, रैंकिंग 70 प्लस 70 मीटर में स्वर्ण पदक, टीम इंवेंट में स्वर्ण पदक और मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीते।

    इसके बाद कोमोलिका बुधवार से वर्ल्ड यूनिवर्सिटी में खेलने के लिए निशाना साधेंगी। तीन दिनों तक चलने वाले वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ट्रायल में कोमोलिका लक्ष्य साधकर अक्टूबर में चीन में होने वाले वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में अपनी जगह बनाना चाहती हैं।

    18 साल की कोमोलिका बारी (Komalika Bari) पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। कोमोलिका ने वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं। लैटिन अमेरिका के ग्वाटेमाला में अप्रैल में वर्ल्ड कप होना है। इसके बाद वह जून में ओलंपिक क्वालिफायर के लिए पेरिस में निशाना साधेंगी।

    कोमोलिका (Komalika Bari) ने साल 2012 में आईएसडब्ल्यूपी तीरंदाजी सेंटर से अपने करियर की शुरुआत की। कोमोलिका ने चार साल तक मिनी और सब जूनियर वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए साल 2016 में टाटा आर्चरी एकेडमी में प्रवेश किया। एकेडमी में उन्हें द्रोणाचार्य पूर्णिमा महतो और धर्मेंद्र तिवारी जैसे दिग्गज प्रशिक्षकों ने तीरंदाजी के गुर सिखाए। इन 3 साल में कोमोलिका ने डेढ़ दर्जन नेशनल और इंटरनेशनल पदक जीते।

    कोमोलिका (Komalika Bari) के पिता घनश्याम बारी ने कहा कि, उनका एक ही सपना है कि, उनकी बेदी देश के  लिए ओलंपिक पदक जीते। वहीं, कोमोलिका की मां लक्ष्मी बारी आंगनबाड़ी सेविका हैं। कोमोलिका के पिता घनश्याम बारी ने अपनी बेटी को तीरंदाजी सिखाने के लिए अपना घर बेच दिया। इतना ही नहीं वह अब चाय की दुकान चलाने के साथ-साथ एलआईसी एजेंट का काम करते हैं।