इस्तांबुल. भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने गुरुवार को इस्तांबुल में महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (Women’s World Boxing Championships) के फ्लाईवेट (52 किग्रा) वर्ग के फाइनल में गोल्ड मेडल जीत लिया है। जरीन ने थाईलैंड की जितपोंग जुटामास को हराकर यह खिताब अपने नाम किया है।
तेलंगाना की मुक्केबाज जरीन ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान प्रतिद्वंद्वियों पर दबदबा बनाए रखा और फाइनल में थाईलैंड की खिलाड़ी को सर्वसम्मत फैसले में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 से हराया। इस जीत के साथ 2019 एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं।
Women's World Boxing Championships | Nikhat Zareen beats Thailand boxer Jitpong Jutamas in 52 Kg weight category to win gold medal.
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— ANI (@ANI) May 19, 2022
इससे पहले, छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी इससे पहले विश्व खिताब जीत चुकी हैं। भारत का चार साल में इस प्रतियोगिता में यह गोल्ड मेडल है। पिछला गोल्ड मेडल मैरीकोम ने 2018 में जीता था।
जरीन के अलावा मनीषा मौन (57 किग्रा) और नवोदित परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता है।
25वर्षीय जरीन ने दमदार मुक्के बरसाते हुए जुटामस पर दबदबा बनाया। जुटामस ने बेहतर शुरुआत की लेकिन जरीन ने जल्द ही वापसी करते हुए अपना पलड़ा भारी कर दिया। पहले दौर में कड़ी टक्कर देखने को मिली लेकिन जरीन के मुक्के अधिक दमदार और दर्शनीय थे।
भारतीय मुक्केबाज ने पहला दौर आसानी से जीता लेकिन जुटामस ने दूसरे दौर में मजबूत वापसी की। थाईलैंड की मुक्केबाज ने जरीन को अपने से दूर रखने में सफलता हासिल की और दूसरा दौर खंडित फैसले में जीता। दोनों मुक्केबाजों के बीच अधिक अंतर नहीं था और ऐसे में स्ट्रैंथ और स्टेमिना अहम साबित हुआ। जरीन ने दाएं हाथ से दमदार मुक्के बरसाते हुए अंतिम दौर में मुकाबला अपने पक्ष में मोड़ दिया। विजेता की घोषणा होने के बाद जरीन अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। वह खुशी में कूदने लगी और अपने आंसू नहीं रोक पाई।
जुटामस के खिलाफ यह जरीन की दूसरी जीत है। भारतीय मुक्केबाज ने इससे पहले थाईलैंड की मुक्केबाज को 2019 में थाईलैंड ओपन में भी हराया था। हैदराबाद की मुक्केबाज जरीन इस साल बेहतरीन फॉर्म में रही हैं। वह फरवरी में प्रतिष्ठित स्ट्रेंजा मेमोरियल में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं थी।
टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था। भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं। मैरीकोम ने 2018 में भारत के लिए पिछला स्वर्ण पदक जीता था। महिला विश्व चैंपियनशिप में अब भारत के नाम 39 पदक हो गए हैं जिसमें 10 स्वर्ण, आठ रजत और 21 कांस्य पदक शामिल हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)