नयी दिल्ली. तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक के बाद भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू की नजरें दूसरा विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने पर टिकी हैं और वह प्रतियोगिता से पहले अपने खेल की कमियों को दूर कर रही हैं। चानू ने 2017 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन इसके बाद वह इस प्रतियोगिता में पदक नहीं जीत पाई। इसके अगले साल चानू ने पीठ में तकलीफ के कारण टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया जबकि 2019 में वह बेहद मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गईं। कोविड-19 के कारण पिछले साल विश्व चैंपियनशिप को रद्द कर दिया गया लेकिन इस साल इसका आयोजन सात से 17 दिसंबर के बीच ताशकंद में होगा और चानू इसके लिए तैयार हैं।
चानू ने पीटीआई से कहा, “मैं ट्रेनिंग के दौरान अपनी कमियों और तकनीक की कमजोरियों पर काम कर रही हूं। मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगी।”
पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप के 49 किग्रा वर्ग में क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा वजन उठाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली चानू स्नैच में चीन की अपनी प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर देने में नाकाम रही हैं। चानू का कहना है कि स्नैच में वजन उठाते हुए असंतुलन के कारण उन्हें जूझना पड़ता है और इससे उनके दायें कंधे और पीठ पर असर पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड मेरे नाम है इसलिए विश्व चैंपियनशिप में मेरी नजरें स्नैच पर रहेंगी। मुझे स्नैच में अधिक भार उठाना होगा।” चानू ने अमेरिका में डॉक्टर आरोन होर्शिग से भी परामर्श लिया जिससे उन्हें तोक्यो खेलों में रजत पदक जीतने में काफी मदद मिली। आरोन पूर्व भारोत्तोलक रहे हैं और अब फिजिकल थेरेपिस्ट एवं स्ट्रेंथ और अनुकूलन कोच की भूमिका निभा रहे हैं। चानू को हालांकि अब भी अधिक भार उठाते हुए दर्द महसूस होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘समस्या हल हो चुकी है लेकिन अब भी कभी कभी असंतुलन के कारण दायें कंधे और पीठ में दर्द होता है। लेकिन पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है।”
चानू ने कहा, ‘‘अभी अमेरिका जाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप है। इसके बाद हम योजना बना सकते हैं। मैं उनसे आनलाइन परामर्श ले रही हूं कि क्या करना है।”
मणिपुर की इस भारोत्तोलक का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 205 किग्रा है। उन्होंने कहा कि वह अगले साल तक अपनी प्रतिद्वंद्वियों की बराबरी करने पर काम कर रही हैं। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चीन की हाउ झीहुई के नाम 213 किग्रा के साथ विश्व रिकॉर्ड (कुल वजन) है।
चानू ने कहा, ‘‘मुझे किसी भी तरह 210 किग्रा से अधिक वजन उठाना होगा। अभी 213 किग्रा का विश्व रिकॉर्ड है, मैं इसकी बराबरी करने पर काम कर रही हूं। मेरा लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों तक 213-214 किग्रा तक पहुंचने पर है।”
लंबे समय से चली आ रही डोपिंग समस्या और संचालन मुद्दों के कारण भारोत्तोलन 2024 पेरिस ओलंपिक में अपनी जगह गंवा सकता है। चानू से जब पूछा गया कि इसका देश में क्या असर पड़ सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा नहीं होगा। सभी खिलाड़ी ओलंपिक में हिस्सा लेने का सपना देखते हैं। अगर ऐसा होता है तो फिर हम कुछ नहीं कर सकते। शायद लोग इस खेल को खेलना छोड़ दें लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या होगा। ओलंपिक काफी बड़ी चीज है। ” (एजेंसी)