नारायण कार्तिकेयन: 16 साल की उम्र में जीती पहली रेस, फिर बने भारत के पहले फॉर्मूला वन रेसर

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    नई दिल्ली: नारायण कार्तिकेयन (Narain Karthikeyan) भारत के एकमात्र फॉर्मूला वन ड्राइवर (Formula 1 Racer) हैं। जिनका उनका पूरा नाम ‘कुमार राम नारायण कार्तिकेयन’ है। आज यानी 14 जनवरी को उनका जन्मदिन (Narain Karthikeyan Birthday) है। वह खिलाड़ी के रूप में एक आदर्श युवा हैं। कई सालों में फॉर्मूला थ्री में शिरकत करने के बाद साल 2005 में उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ग्रैंड प्रिक्स से अपने फॉर्मूला वन करियर की शुरुआत की। जहां उन्होंने 15वां स्थान हासिल किया। हालांकि, इसके बावजूद भी वह काफी निखरकर सामने आए, जो काफी सराहनीय है। 

    वर्ष 2011 में नारायण कार्तिकेयन ने हिस्पैनिया रेसिंग टीम के लिए ड्राइविंग की। 2013 में हिस्पैनिया रेसिंग टीम की फॉर्मूला वन में लिस्ट न होने के कारण वह दोबारा ड्राइविंग नहीं कर पाए। नारायण कार्तिकेयन के पिता जी।आर। कार्तिकेयन पूर्व भारतीय राष्ट्रीय रैली चैंपियन रहे हैं। इसी वजह से नारायण का भी बचपन से ही झुकाव कार्स और रेसिंग के तरफ था। उनका सपना था भारत का प्रथम फॉर्मूला वन ड्राइवर बने, जो उन्होंने पूरा भी किया। 

    नारायण की पहली रेस चेन्नई के पास श्री पेरम्बूर में हुई, जिसका नाम था ‘फॉर्मूला मारुति’ था। इस रेसिंग में वह महज़ 16 साल के थे। इस रेस में वह विजेता भी बने थे। कार रेसिंग के अलावा नारायण कार्तिकेयन ट्रैप एंड स्कीट शूटिंग, फोटोग्राफी और टेनिस में भी रुचि रखते हैं। वह खुद को फिट रखने के लिए योग और मेडिटेशन भी करते रहते हैं। उनकी शादी एक बिज़नेसमैन की बेटी पवर्णा से हुई है।