पैरों में पहनने को नहीं थे जूते, मां ने कपड़े सिल शैली सिंह को बनाया चैंपियन

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    नई दिल्ली: लंबी कूद की प्रतिभाशाली खिलाड़ी शैली सिंह (Shaili Singh Long Jump) ने रविवार को अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (Under 20 World Championship) में रजत पदक (Silver Medal) जीत इतिहास रच दिया है। हालांकि, वह भारत को स्वर्ण दिलाने से महज़ एक सेंटीमीटर चूक गईं। लेकिन फिर भी उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सत्रह साल की इस भारतीय खिलाड़ी ने 6.59 मीटर की कूद के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास भी किया। 

    जूते पहनने के लिए भी नहीं थे पैसे 

    शैली सिंह का सफर बेहद कठिनाइयों से भरा रहा है। उनकी कहानी आज के छोटे बच्चों के लिए प्रेरणादायक है। 17 साल की इस शैली ने कई तरह की पारिवारिक समस्याओं का सामना किया है। शैली उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की रहने वाली हैं। उनकी मां वनिता सिंह सिंगल मदर हैं और उन्होंने अकेले ही अपनी 2 बेटियों की परवरिश की। आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। शैली की मां पत्थर का काम करके घर चलाती थी। इसी वजह से शैली के पास बचपन में कभी व्यक्तिगत वस्तुओं, सुविधाओं और यहां तक ​​​​कि अच्छे खेल के जूते भी नहीं थे।

    रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने पहचाना शैली का टैलेंट 

    जब शैली 14 साल की थीं, तब उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत की स्टार लॉन्ग जम्पर अंजू बॉबी जॉर्ज के पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने देखा था। अंजू को खुद रॉबर्ट ने प्रशिक्षित किया था, इसलिए उन्होंने महसूस किया कि झांसी की इस नई रानी में कुछ खास है। उन्होंने शैली को बैंगलोर में अंजू बॉबी जॉर्ज अकादमी में प्रशिक्षण के लिए बुलाया था। शुरुआत में शैली की मां को यह मंजूर नहीं था। लेकिन बाद में रॉबर्ट ने उन्हें समझाया कि उनकी बेटी चैंपियन एथलीट बन सकती है। जिसके बाद वह मान गईं। अंजू बॉबी जॉर्ज को भरोसा है कि शैली उनका रिकॉर्ड तोड़ देगी और आने वाले दिनों में देश के लिए ओलंपिक पदक जीतेगी।