विराट के खराब खेल के लिए फिर ट्रोल हुईं अनुष्का, शायद ही कभी जीत का श्रेय मिला हो

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हर बार क्यों किसी स्त्री को पुरुष की हार का जिम्मेदार ठहराया जाता है।आज के इस आधुनिक जमाने में भी महिलाओं के लिए इतनी छोटी सोच क्यों हैं ? जब की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। दरसल हम बात कर रहे है विराट कोहली की। हालही में विराट ने आईपीएल के मैदान में किंग्स इलेवन पंजाब के हाथों मार खाई है। एक रन बनाकर आउट हो गए हैं। उसकी इस हर का जिम्मेदार हरबार की तरह उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को ठहराया जा रहा है। वैसे ही जैसे पहले भी होता रहा है। जब-जब विराट का खेल खराब हुआ, ट्रोलर ने अनुष्का का खेल खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 

शायद ही पहले ऐसा हुआ हो जब विराट की जीत का सेहरा किसी ने अनुष्का के सिर बांधा हो। ये कहानी शुरू से शुरू करते हैं, वहां से नहीं, जहां ट्रोलर और सुनील गावस्कर की कहानी खत्म होती है, वहां से जहां से उनकी शुरू ही नहीं होती।

नवंबर, 2014. इंडिया-श्रीलंका वन डे इंटरनेशनल

विराट कोहली का तीसरा वन डे इंटरनेशनल मैच था श्रीलंका के खिलाफ। इस मैच में पूरा हुआ उनका 32वां अर्धशतक और वन डे इंटरनेशनल में 6000 रनों का विश्व रिकॉर्ड। इसके पहले ये रिकॉर्ड हाशिम अमला के नाम था। कोहली के अर्द्ध शतक से भारत को मैच में जीत हासिल हुई। अनुष्का शर्मा उस दिन मैच के दौरान वहीं मौजूद थीं। ट्रोलर चुप थे, कमेंटेटर बोल रहे थे, लेकिन अनुष्का के बारे में नहीं।

दिसंबर, 2014. इंडिया-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच, मेलबर्न

विराट कोहली ने अपने इस तीसरे टेस्ट मैच में नौवीं सेंचुरी पूरी की और नाबाद 169 रनों का रिकॉर्ड बनाया। अनुष्का शर्मा उस दिन भी क्रिकेट स्टेडियम में मौजूद थीं। ट्रोलर्स चुप थे, कमेंटेटर बोल रहे थे, लेकिन अनुष्का के बारे में नहीं।

अप्रैल, 2015. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर-सनराइज हैदराबाद का मैच, बैंगलोर

विराट कोहली ने चार चौके, दो छक्के लगाए। हर छक्के पर स्टेडियम में शोर, कमेंटेटर की वाह-वाह। अनुष्का शर्मा एक बार फिर स्टेडियम में मौजूद, ट्रोलर खामोश।

क्या इसे संयोग कहा जा सकता है कि, जितनी बार विराट कोहली के बल्ले से लगी गेंद उछलकर आसमान तक चली जाती है, आसमान से रनों और रिकॉर्डों की बरसात होती है, क्रिकेट का दीवाना देश जीत के उत्साह में डूबा होता है, अनुष्का का ट्विटर पर कोई नाम भी नहीं लेता। न स्टेडियम में कमेंट्री करने वाले अनुष्का का नाम लेते सुने जाते हैं। बता दें कि,आईपीएल के दौरान जब विराट की बल्लेबाजी का जादू चला नहीं तो सुनील गावस्कर ने अनुष्का पर निशाना साधा। सारी हदे तब पार हो गई जब महान क्रिकेट सुनील गावस्कर ने गुरुवार को लाइव कमेंट्री के दौरान यह कह डाला कि, “इन्होंने लॉकडाउन में सिर्फ अनुष्का की गेंदों पर प्रैक्टिस की है।”

सभी जानते है कि, सुनील गावस्कर के लिए लाइव कमेंट्री का ये कोई पहला मौका नहीं था। न पहली बार उन्होंने किसी के खेल को तीखी नजर से देखा था। लेकिन उस दिन ये पहली ही बार हुआ कि किसी के खेल को कमजोर बताने के लिए वो उसकी पत्नी को बीच में खींच लाए। इसके पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी भरे मैदान में उसके खराब प्रदर्शन के लिए किसी की निजी जीवन, निजी रिश्ते को, उसकी पत्नी को जिम्मेदार ठहराया गया हो। 

सुनील गावस्कर की इस ओछी कमेंट्री से नाराज अनुष्का ने भी सोशल मीडिया पर पलटकर जवाब दिया है, जैसा कि वो हमेशा करती हैं। जैसा हर उस स्त्री को करना चाहिए, जिसके पास अपना दिमाग है, अपनी सोच है, अपना काम है, उस काम के प्रति अपनी जिम्मेदारी है। वो कहती हैं, “ये तो सच है कि आपका कमेंट अच्छा नहीं था, लेकिन मैं जानना चाहूंगी कि आपके दिमाग में किसी के खराब के प्रदर्शन का दोष उसकी पत्नी के सिर मढ़ने का ख्याल कैसे आया। निश्चित ही इतने सालों से आपने हर खिलाड़ी के खेल पर टिप्पणी करते हुए उसके निजी जीवन का सम्मान किया है।

आपको नहीं लगता है कि उतना ही सम्मान मुझे और हमें भी मिलना चाहिए। निश्चित ही आपके पास और बहुत से शब्द और वाक्य रहे होंगे मेरे पति के खेल पर टिप्पणी करने के लिए या आपके शब्द तभी प्रासंगिक होंगे जब उसमें मेरा नाम आए। ये साल 2020 है और अब भी मेरे लिए चीजें बदली नहीं हैं। कब आप लोग क्रिकेट में मेरा नाम घसीटना और मुझ पर जहर बुझी टिप्पणियां करना बंद करेंगे। आप लीजेंड हैं,मैं आपका बहुत सम्मान करती हूं। मैं बस वो कहना चाहती थी जो आपकी बात सुनकर मुझे महसूस हुआ। “

लेकिन आपने कभी सोचा है कि इस सारी आलोचना की वजह सिर्फ अनुष्का का स्त्री होना है या एक ऐसी स्त्री होना, जिसकी पहचान सिर्फ इतनी नहीं है कि वो “मिसेज विराट कोहली” है क्योंकि ऐसा तो कभी नहीं हुआ कि महेंद्र सिंह धोनी हारा हो और गालियां उनकी पत्नी साक्षी को पड़ी हों। ये गालियां अनुष्का को ही क्यों दी जा रही हैं?

क्या ये पढ़कर आपको भी महसूस हो रहा है सुनील गावस्कर ने जो कहा गया, वो ठीक नहीं था। वो इसलिए था कि मर्द स्त्रियों से द्वेष रखते हैं और ऐसा वो सोच-समझकर नहीं करते। वो करते हैं क्योंकि वो ऐसे ही हैं। उनके अवचेतन में कहीं बैठा है ये विश्वास कि वो श्रेष्ठ हैं। वो सब सही करते हैं जो भी अच्छा है, सब उनका है और जो भी गलत है, जो भी खराब, वो किसी औरत की वजह से है।