राजेश मिश्र
लखनऊ. पश्चिम उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) में सफल किसान महा पंचायत (Kisan Maha Panchayat) के बाद अब कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के खिलाफ आंदोलन पूरब में भी गरमाएगा। भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के नेताओं के साथ ही महाराष्ट्र (Maharashtra) के किसान नेता भी पूर्वी यूपी (eastern UP) में डेरा डालेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री (Prime Minister) के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में आगामी 7 अक्टूबर को सभी संगठनों की बैठक करेगा। गांधी जयंती के मौके पर बिहार के चंपारण से शुरु हो रही किसान जन जागरण यात्रा का भी 20 अक्टूबर को वाराणसी में ही समापन होगा।
उत्तर प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा के गठन के लिए लखनऊ में 85 किसान संगठनों की राज्य स्तरीय बैठक बुलायी गयी। बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता डॉ. दर्शन पाल, डॉ. अशोक धावले, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरनाम सिंह, गाजीपुर मोर्चा कमेटी के प्रमुख नेता डीपी सिंह और तजिन्दर सिंह विर्क ने जानकारी दी कि 27 सितंबर भारत बंद पर उत्तर प्रदेश में भी ऐतिहासिक बंद होगा। उन्होंने कहा कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए 17 सितंबर को राज्य के सभी जिलों में किसान संगठनों की साझा बैठकें होगी। जिनमें किसान संगठनों के अलावा ट्रेड यूनियन, युवा संगठनों, ट्रांसपोर्टर्स यूनियन, व्यापारी संगठन, महिला और नागरिक संगठनों को भी शामिल रहेंगे।
राज्यव्यापी आंदोलन का व्यापक फैलाव किया जाएगा
मोर्चा नेताओं ने बताया कि गन्ने के समर्थन मूल्य बढ़ाने, बकाया भुगतान, अवारा पशुओं पर पाबंदी, टूबवेल कनेक्शन पर फ्री बिजली जैसे उत्तर प्रदेश के मुद्दों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय किसान आंदोलन के साथ राज्यव्यापी आंदोलन का व्यापक फैलाव किया जाएगा। इसी श्रृंखला में पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंदोलन के विस्तार के लिए आगामी 7 अक्टूबर को वाराणसी में किसान संगठनों की बैठक का फैसला किया गया है।
नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा
किसान नेताओं के मुताबिक 2 अक्टूबर, गांधी जयंती पर चंपारण से वाराणसी तक 350 किमी की हजारों लोगों के साथ किसान जनजागरण पदयात्रा बलिया, गाजीपुर होते हुए 20 अक्टूबर को बनारस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि यूपी मिशन के तहत भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के कार्यक्रमों और नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही अंबानी-अडानी-कारपोरेट के उत्पादों और संस्थानों का बहिष्कार किया जाएगा। टोल प्लाजा जनता के लिए टोल मुक्त किए जाएंगे। बैठक में ही संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश की इकाई का गठन हुआ। जिसमें 85 किसान संगठन शामिल हुए। सभी संगठनों में समन्वय बनाने तीन सदस्यीय समन्वय समिति बनाई गई।