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    चंडीगढ़: करनाल में किसानों पर हुए लाठी चार्ज को लेकर किसान संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वह सरकार से तत्लाकलिन एसडिएम सिन्हा को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों की इस मांग पर राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने दो टुक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, हम निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैं, लेकिन एसडीएम (आयुष सिन्हा) ही नहीं पूरे मामले की भी जांच की जाएगी। अगर किसान और उनके नेता दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।”

    सभी के लिए कानून एक समान 

    विज ने कहा, “करनाल में किसान आंदोलन कर रहे हैं, यह उनका हक है. हमारे अधिकारी उनसे बात कर रहे हैं। बातचीत जरूरी है लेकिन जायज मांगों को ही स्वीकार किया जाएगा। हम किसी को सिर्फ इसलिए फांसी नहीं दे सकते क्योंकि कोई और कहता है। ऐसा नहीं है कि देश का आईपीसी किसानों के आईपीसी से अलग है।”

    ज्ञात हो कि, बीते दो दिनों से किसान संगठन करनाल के मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वह लगातार सरकार से आयुष सिन्हा को निलंबित करने साथ ही लाठीचार्ज में मरने वाले मृतक आंदोलनकारी के परिवार को मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर किसान संगठनों ने महापंचायत भी बुलाई थी।

    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल, 28 अगस्त को किसान संगठन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का विरोध करने के लिए करनाल के एक टोल प्लाजा पर जमा था। यहीं से थोड़ी दूर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होना था। किसानों के विरोध को देखते हुए वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इसी दौरान वहां आंदोलन कारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। किसान संगठनो के नेताओं और आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके जिसके जवाब में पुलिस ने भी लाठी चार्ज कर दिया। जिसमें एक आंदोलनकारी जख्मी हो गया था, जिसकी बाद में मौत हो गई थी

    इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा प्रदर्शनकारियों के सर पर मारने को कहते हुए सुनाई दिए। इसी वायरल वीडियो को लेकर किसान संगठन लगातार प्रदर्शन कर हरियाणा सरकार से सिन्हा को निलंबित करने की मांग कर रही है