लखनऊ: हिन्दू आस्था को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोद्धा में राम मदिर के क्षेत्र में आने वाले सभी शराब की दुकानों का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब मंदिर के परिसर में यदि किसी व्यक्ति को चोरी-छिपे भी मदिरा बेचते पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवायी की जा सकती है। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने यह जानकारी विधान परिषद के प्रश्न काल में जानकारी दी। फिलहाल सरकार अपने फैसलों पर पुनर्विचार के किसी मूड में नहीं दिखाई दे रही है।
आपको बतादें लम्बे समय से मंदिर के परिसर में दुकान बंद करने की मांग चल रही थी। आबकारी दुकाने की नियावली 1968 में बनाई गयी थी। जिसमें समयाअनुसार बदलवा किये जाते रहे हैं। नियम के मुताबिक मंदिर,विद्यालय,आवास व चिकित्सालय के 100 ,75 तथा 50 मीटर के दायरे में शराब लाइसेंस प्रतिबंध है।
गौरतलब है उत्तर प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों पर शराब लाइसेंस निरस्त करने की मांग लगातर चल रही है। प्रयागराज में भी विश्व हिन्दू परिषद ने संगम तीर्थ स्थान के 5 किलोमीटर क्षेत्र में शराब की दुकानों को बंद कर उनके लाइसेंस रद्द करने की मांग चुकी है। यदि सरकार इस पर कठोर कदम नही उठाती तो शिकायतकर्ता अदालत का दरवाजा खटखटाने को तैयार हैं। इसी तरह काशी,मथुरा जैसे कुछ महत्वपूर्ण तीर्थ के स्थलों पर भी शराब की दुकान बंद करने की मांग लगातार उठ रही है। अब देखने वाली बात यह होगी, कि योगी सरकार और किन-किन तीर्थ स्थलों के क्षेत्रों में शराब दुकान के लाइसेंस रद्द करती है।