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    कवर्धा. छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में दो पक्षों के बीच झड़प की घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रतिनिधिमंडल स्थिति का जायजा लेने शहर पहुंचा। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने मंगलवार से जारी कर्फ्यू में अभी तक कोई ढील नहीं दी है। भाजपा के नेताओं ने बताया कि भाजपा विधायकों का प्रतिनिधिमंडल हालात का जायजा लेने बुधवार को कवर्धा पहुंचा। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को पीड़ित परिजनों से मिलने नहीं दिया गया।

    प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अन्य विधायक शामिल थे। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने भाजपा के स्थानीय नेताओं से चर्चा की। इसके बाद उन्होंने पीड़ित पक्ष से मुलाकात करनी चाहिए, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी, जिसके विरोध में प्रतिनिधिमंडल और पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस में धरना देकर विरोध जताया। राज्य के कबीरधाम जिले के मुख्यालय कवर्धा में मंगलवार को हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से कर्फ्यू लागू है।

    इस दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज भी किया था। जिले के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक 66 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और शहर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कौशिक के नेतृत्व में भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस सरकार पर लोकतंत्र की हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया। कौशिक ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यहां क्या हो रहा है, कोई नहीं जानता। यह प्रशासन और सरकार की दादागिरी है जो ठीक नहीं है। हम सिर्फ उन लोगों से मिलने आए हैं जिन्हें पीटा गया था, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी जा रही है इसलिए हम धरने पर बैठ गए हैं।”

    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जनता की जरा भी चिंता नहीं है और वह कवर्धा में जारी तनाव के लिए जिम्मेदार है। वहीं राजनांदगांव क्षेत्र से सांसद संतोष पांडेय ने कहा, ‘‘हमारी चुप्पी को हमारी कमजोरी नहीं समझना चाहिए। सत्ता में बैठे कुछ लोग शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ कर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य की जनता इसका जवाब जरूर देगी।” भाजपा ने कबीरधाम जिला अधिकारी के उस पत्र को भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए भाजपा नेताओं को पीड़ितों के परिवारों से मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

    पत्र में कहा गया है कि कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है और वर्तमान में कवर्धा नगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी हुई है, इसलिए ऐसी स्थिति में, क्षेत्र में शांति व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ‘‘आपका संबंधित परिवारों से मिलने का अनुरोध अस्वीकार किया जाता” है।

    कबीरधाम जिलाधिकारी रमेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को कस्बे में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही और जो लोग अशांति पैदा करने में शामिल थे, उनकी पहचान की जा रही है तथा उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। शर्मा ने बताया कि यहां पहुंचे भाजपा के जनप्रतिनिधियों को सर्किट हाउस में जाने और अपनी पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों से मिलने की अनुमति दी गई थी। भाजपा नेताओं ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी मुलाकात की और अधिकारियों ने उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे शहर में कुछ लोगों से मिलना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें अनुमति नहीं दी गई।

    जिले के अधिकारियों ने बताया कि तीन अक्टूबर को शहर के लोहारा चौक में धार्मिक झंडे को हटाने को लेकर दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने शहर में धारा 144 लागू कर दी थी। उन्होंने बताया​ कि रविवार की घटना के विरोध में हिंदू संगठनों ने मंगलवार को रैली निकाली थी, जिसके दौरान शहर में कुछ लोगों ने उपद्रव किया था। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि मंगलवार की घटना के मामले में अब तक 66 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं रविवार की घटना के बाद 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दोनों घटनाओं में आधा दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज की हैं। गर्ग ने बताया कि शहर में लागू कर्फ्यू में अब तक कोई ढील नहीं दी गई है। (एजेंसी)