प्रतीकात्मक तस्वीर
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    बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल ने मानव तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और दो बालिकाओं को बचाया है।     

    बिलासपुर जिले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अधिकारियों ने बताया कि आरपीएफ और जीआरपी ने झारखंड की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों को बाल श्रम कराने के लिए दिल्ली ले जाने के आरोप में मानव तस्कर अन्तोनी लुगुन (32 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। बाल कल्याण समिति के निर्देश पर जीआरपी ने जीरो प्राथमिकी दर्ज कर मामले को झारखंड स्थानांतरित कर दिया है।         

    आरपीएफ पोस्ट प्रभारी भास्कर सोनी ने बताया कि रेलवे के सहायक सुरक्षा आयुक्त (यात्री सुरक्षा) आर तिर्की को इस महीने की 26 तारीख को सूचना मिली थी कि पुरी-कलिंग उत्कल एक्सप्रेस से दो बालिकाओं को कुछ लोग दिल्ली की ओर ले जा रहे हैं। सोनी ने बताया कि सूचना मिलने के बाद आरपीएफ की टीम ने बिलासपुर में उत्कल एक्सप्रेस में खोजबीन शुरू की लेकिन तब तक ट्रेन रवाना हो गई थी। बाद में इसकी सूचना पेंड्रा रोड आरपीएफ को दी गई और आरपीएफ ने 16 और 17 वर्ष की दो लड़कियों को बरामद कर लिया। इस मामले में आरपीएफ ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया।     

       

    उन्होंने बताया कि दोनों बालिकाओं और हिरासत में लिए गए लोगों को बिलासपुर लाकर उनसे पूछताछ की गई। पूछताछ में जानकारी मिली कि बालिकाएं झारखंड के सिमडेगा जिले के अंतर्गत खरवागढ़ा गांव की निवासी हैं। करीब के पैतानों गांव निवासी अन्तोनी लुगुन उन्हें कामकाज दिलाने के लिए दिल्ली लेकर जा रहा था।     

    आरपीएफ अधिकारी ने बताया कि अन्तोनी बालिकाओं समेत तीन लोगों को दिल्ली लेकर जा रहा था। इनमें एक युवती है जो पहले भी कामकाज के सिलसिले में बाहर जाती रही है। दोनों बालिकाएं इस युवती की परिचित हैं। इस मामले में रेलवे पुलिस ने संदेह के आधार पर एक दम्पती को भी हिरासत में लिया था। जांच के बाद अन्तोनी के अलावा तीनों को छोड़ दिया गया है। सोनी ने बताया कि दोनों बालिकाओं को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है।