Bhupesh Baghel
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    रायपुर: छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मामलों की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के ‘थूकने’ वाले बयान को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel)ने शनिवार को ‘किसानों का अपमान’ बताया तथा भाजपा से ‘माफी’ की मांग की। राज्य के दक्षिण क्षेत्र के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में भाजपा ने 31 अगस्त से दो सितंबर चिंतन शिविर का आयोजन किया था।

    शिविर के अंतिम दिन पार्टी की राज्य प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने बस्तर संभाग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, “एक बार अगर भाजपा कार्यकर्ता पीछे मुड़कर थूकेंगे तब उसमें भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल बह जाएगा।” पुरंदेश्वरी के बयान के बाद मुख्यमंत्री ने पलटवार किया था और कहा था कि भाजपा में जाने के बाद पुरंदेश्वरी की मानसिक स्थिति इस स्तर पर उतर गई है।

    बघेल ने शनिवार को राजधानी रायपुर ​स्थित कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पिछले दिनों उनके एक प्रभारी यहां आए थे तब कहा था कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यहां के मुख्यमंत्री और उनका किसान होना है। अब इस चिंतन शिविर में उनकी प्रभारी डी पुरंदेश्वरी कहती हैं कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पीछे मुड़कर थूक देंगे तो यह सरकार बह जाएगी।”  उन्होंने कहा, “यह माता कौशल्या, माता शबरी और मिनीमाता की धरती है।

    इसीलिए यहां नारियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उनकी पूजा होती रही है। इसलिए पुरंदेश्वरी जी के बारे में मैं कुछ नहीं बोलना चाहता मेरे लिए भी वह सम्मानीय हैं।”बघेल ने दावा किया, “थूकने का मतलब घृणा करना और नफरत करना होता है। यह सरकार किसानों की सरकार है और इन्होंने किसानों पर थूकने की बात कही है। किसानों के प्रति उनकी पार्टी की भावना क्या है पूरा देश देख रहा है।”

    उन्होंने दावा किया, “यह मंत्रिमंडल छत्तीसगढ़ के किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाला मंत्रिमंडल है। भाजपा और उनके प्रभारी के मन में जो नफरत है, वह यह प्रदर्शित करती है कि उनके थूकने से किसान बह जाएंगे। यह छत्तीसगढ़ का अपमान है और यह किसानों का अपमान है।” उन्होंने कहा, “ बयान के बाद आज तीसरा दिन है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई खंडन नहीं आया है। उनकी तरफ से कोई माफीनामा नहीं आया है।” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, “इसका मतलब है कि ना केवल पुरंदेश्वरी जी बल्कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य और राष्ट्रीय इकाई की सोच एक ही है कि किसान नफरत के लायक हैं और छत्तीसगढ़ के लोग नफरत के लायक हैं।”

    मुख्यमंत्री ने कहा, “हम नफरत की बात नहीं करते हैं लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वह छत्तीसगढ़ से, यहां के लोगों से और किसानों से माफी मांगेंगे।”  एक सवाल के जवाब में बघेल ने कहा कि अगर भाजपा इस बयान पर माफी नहीं मांगती है तो संगठन इसका प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध करेगा।

    मुख्यमंत्री के संवाददाता सम्मेलन के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय, पार्टी नेता अजय चंद्राकर और अन्य नेताओं ने प्रेस वार्ता कर बघेल के पिता नंद कुमार बघेल और कांग्रेस नेताओं के बयानों को गिनाया।  भाजपा नेताओं ने दावा किया, “ कांग्रेस को जनता से की गई वादाखिलाफी और अपनी असफलता को छुपाने के लिए कोई शिगूफा नहीं मिल रहा है, तो लगातार झूठ बोलकर, नफरत और घृणा फैला कर कांग्रेस मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।”

    भाजपा नेताओं ने कहा, “हम सब जानते हैं कि पुरंदेश्वरी जी का वह मंतव्य नहीं था जैसा मुख्यमंत्री बघेल साबित करना चाहते हैं। दक्षिण (भारत) से होने के कारण उनका आशय अलग है, और वे फूक मार कर उड़ाने जैसा कुछ कहना चाह रही थीं।” उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल के शासन काल में 500 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है, और बघेल उस पर ध्यान देने के बदले “झूठ की खेती” में लगे हैं।