नई दिल्ली: कहा जाता है ‘जाको राखे साईं मार सके न कोई’ और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में यह कहावत सही साबित हुई है। दरअसल इंसानियत की सारी सीमाएं पार कर एक नवजात बच्ची (New Born) को कड़ाके की ठंड में खेत में छोड़ दिया गया। बच्ची (Child) के शहर पर कंबल तो क्या एक कपडा भी नहीं था लेकिन इस नवजात बच्ची की मदद के लिए कुत्ते (Dog) के नन्हे बच्चे (Puppies) आगे आए और खेत के अंदर, कड़ाके की ठंड में रातभर बच्ची की रखवाली की। सुबह जब ग्रामीणों ने बच्ची को ऐसी हालत में देखा तो फ़ौरन हरकत में आए और बच्ची को वहां से हटा लिया गया। इस घटना की तस्वीरें भी सामने आई हैं जो अब सोशल मीडिया (Social Media) पर तेज़ी से वायरल (Viral) हो रही हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के लोरमी में एक बच्ची के जन्म लेते ही उसे ठंड में रात के अंधेरे में एक खेत में छोड़ दिया गया। यह बच्ची एक धान के पैरा पर पूरी रात खुले आसमान में पड़ी रही। लेकिन किसी इंसान की जगह इस नन्ही बच्ची की मदद के लिए एक कुत्ते और उसके बच्चे आगे आए और रातभर उसकी रखवाली करते रहे। बच्ची को कुत्ते और उसके बच्चों ने सुबह तक किसी तरह ठंड से बचाए रखा। सुबह जब कुछ ग्रामीणों ने बच्ची के रोने की आवाज़ सुनी तो लोग बच्ची तक पहुंचे और देखने से पता चला कि, बच्ची के शरीर पर एक खरोच तक नहीं थी।
खबर पढ़कर मन व्यथित हो गया.
बच्ची को पुलिस ने अस्पताल पहुंचा दिया है, मामले की छानबीन जारी है.
यदि आप बेटा-बेटी में भेद-भाव की सोच से ग्रस्त हैं तो आप अभिभावक बनने लायक नहीं हैं.
दोषियों को कानून के तहत सख्त सजा मिले. ऐसे पाप रोकें, दकियानूसी सोच त्यागें, बेटा-बेटी एक समान मानें. pic.twitter.com/JDD5tQExSu— Dipanshu Kabra (@ipskabra) December 19, 2021
इस घटना को लेकर आईपीएस अफसर दीपांशु काबरा ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, खबर पढ़कर मन व्यथित हो गय। बच्ची को पुलिस ने अस्पताल पहुंचा दिया है, मामले की छानबीन जारी है। यदि आप बेटा-बेटी में भेद-भाव की सोच से ग्रस्त हैं तो आप अभिभावक बनने लायक नहीं हैं। दोषियों को कानून के तहत सख्त सजा मिले। ऐसे पाप रोकें, दकियानूसी सोच त्यागें, बेटा-बेटी एक समान मानें।