Tihar jail
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नयी दिल्ली. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि कुछ दिन पहले जेल में कई विदेशी कैदियों के हिंसक हो जाने के कारण 10 कर्मियों समेत 25 लोग घायल हो गये। ये कर्मी उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारियों ने पिंजड़ा तोड़ संगठन की एक महिला सदस्य के आरोपों के जवाब में अदालत में स्थिति रिपार्ट दाखिल की है। इस महिला को इस साल के प्रारंभ में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

इस महिला ने दावा किया था कि 16 जून को तिहाड़ जेल में ‘बड़े पैमाने पर हिंसा हुई’ थी और कैदियों के लिए जेल के बाहर किसी से भी वीडियो कांफ्रेंस समेत विभिन्न माध्यमों से संपर्क करना निषिद्ध है। तिहाड़ जेल के अधीक्षक ने न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की अदालत में रिपोर्ट दाखिल की । उनके सामने पिंजड़ा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल की ओर से पेश वकील ने आरोप लगाया था कि हिंसा हुई थी और जेल कर्मियों ने कथित रूप से कुछ कैदियों के पैर-हाथ तोड़ दिये थे। इस स्थिति रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि सेंट्रल जेल नंबर छह में अप्रिय घटना हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ 16 जून को फिर 15-20 विदेशी कैदियों ने जेल में बखेड़ा किया। वे वार्ड से निकल गये और उन्होंने वार्ड नंबर 9 के दरवाजों के ताले और चक्कर को नुकसान पहुंचाया।” रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समस्या भांपते हुए और कोई विकल्प नहीं मौजूद होने पर जेल में सुबह करीब साढे आठ बजे अलार्म बजाया गया तथा और पुलिसकर्मी बुलाये गये एवं न्यूनतम बल प्रयोग से इन कैदियों को शारीरिक रूप से नियंत्रित किया गया।”

जेल ने कहा कि इस प्रक्रिया में 15 कैदी और 10 जेलकर्मी मामूली रूप से घायल हो गये। कैदियों को जेल से बाहर के व्यक्तियों से वीडियो कांफ्रेंस से संपर्क नहीं करने देने के नरवाल के आरोप पर जेल अधिकारियों ने कहा कि उसके वकील ने 24 जून को उसके साथ सफलतापूर्वक वीडियो कांफ्रेंस किया था और उसका अगला वीडियो कांफ्रेंस 29 जून को है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय जेल नंबर छह में महिला कैदियों के वकीलों को अब से जेल अधीक्षक से कैदियों के वकीलों के लिखित अनुरोध पर वीडियो कांफ्रेंस करने दिया जाएगा। जेल प्रशासन ने यह भी कहा कि नरवाल को अबतक आठ बार अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने दी गयी है। (एजेंसी)