दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits-ANI Twitter)
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits-ANI Twitter)

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    नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर हुए कथित हमले की निष्पक्ष एवं समयबद्ध जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। याचिका में दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय को भविष्य में मुख्यमंत्री और उनके आवास की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। इसे शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है। 

    भाजपा की युवा इकाई के सदस्यों ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ से जुड़ी केजरीवाल की टिप्पणी के खिलाफ बुधवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर मौजूद संपत्ति में तोड़-फोड़ की थी। दिल्ली पुलिस ने घटना के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन से रोकना), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी आदेश की अवहेलना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तवयों के निर्वहन से रोकने के लिए उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना) और 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया था। 

    आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा-3 भी लगाई गई थी और पुलिस उनकी गिरफ्तारी की कोशिशों में जुटी है। अधिवक्ता भरत गुप्ता के माध्यम से दाखिल याचिका में भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हमला और तोड़-फोड़ दिल्ली पुलिस के रणनीतिक सहयोग से किए जाने के संकेत मिलते हैं। 

    याचिका के मुताबिक, “30 मार्च 2022 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई गुंडों ने विरोध की आड़ में दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हमला किया।” इसमें कहा गया है, “वीडियो और तस्वीरों से पता चलता है कि ये गुंडे बेरोक-टोक सुरक्षा घेरे (दिल्ली पुलिस द्वारा बनाए गए) को पार कर गए, बैरिकेड को लात मारकर तोड़ दिया, सीसीटीवी कैमरों पर लाठियां चलाईं, आवास के गेट पर पेंट फेंके और गेट पर चढ़ने लगे।” 

    याचिका में आरोप लगाया गया है, “हमले के दौरान दिल्ली पुलिस के जवान मूकदर्शक बनकर देखते रहे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।” ‘आप’ विधायक ने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने के अधिकार का समर्थन करते हैं, भले ही वह प्रदर्शन दिल्ली सरकार के खिलाफ क्यों न हो, लेकिन हिंसा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। भारद्वाज ने घटना की स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समयबद्ध जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एसआईटी गठित करने की मांग की है।