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    नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दिहाड़ी कामगार द्वारा राशन कार्ड के लिए दिया गया आवेदन आठ साल से लंबित रहने के मामले में दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने दिहाड़ी कामगार की याचिका पर नोटिस जारी किया है। याचिका में मांग की गई है कि उन्हें तय समयसीमा के भीतर राशन कार्ड दिया जाए जिस पर उनके परिजनों के नाम हों। न्यायमूर्ति ने दिल्ली सरकार के अधिवक्ता को इस बारे में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय भी दिया। 

    याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने सितंबर 2013 में ही राशन कार्ड के लिए आवेदन कर दिया था और इस बारे में निरंतर अनुरोध भी किया लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।

    अदालत ने छह अक्टूबर के आदेश में कहा, ‘‘आवेदन में जिस तरह की राहत मांगी गई है उसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के अधिवक्ता को यह निर्देश दिया जाता है कि वह यह जानकारी प्राप्त करें कि आवेदक का आवेदन बीते आठ साल से लंबित क्यों है।” 

    याचिकाकर्ता ने कहा है कि अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं करने से उन्हें एवं उनके परिवार को कम दाम पर अनाज के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता महिला और उनका परिवार दक्षिण दिल्ली में बस्ती में रहता है और उनके पति के नाम पर 2005 में जारी राशन कार्ड अधिकारियों द्वारा एकतरफा तरीके से 2013 में रद्द कर दिया गया। अब इस मामले पर सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। (एजेंसी)