नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले (Delhi Excise Policy Case) में गिरफ्तार किये गये दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodiya) को सोमवार को शहर की एक अदालत में पेश किया।
राउज एवेन्यू अदालत परिसर के अंदर और बाहर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। जांच एजेंसी ने सिसोदिया को विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पेश किया और पांच दिन के लिए हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया।
#WATCH | CBI brings Delhi Deputy CM Manish Sisodia to Rouse Avenue Court. He was arrested yesterday by CBI in Excise Policy case. pic.twitter.com/dqRuScar1C
— ANI (@ANI) February 27, 2023
सीबीआई ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार किए गए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि आबकारी नीति मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से पता चलता है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर फैसला किया। कोर्ट में दलील देते हुए सीबीआई ने कहा कि, हमें उस फोन के बारे पूछताछ करनी है जो मनीष सिसोदिया साल 2020, जनवरी से इस्तेमाल कर रहे थे। इस बारें में पूछताछ करनी है।
[read_also content=”शराब नीति मामला: CBI ने घंटो पूछताछ के बाद डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को किया गिरफ्तार~https://www.enavabharat.com/state/delhi/delhi-cbi-arrests-delhi-deputy-cm-manish-sisodia-in-connection-with-liquor-policy-case-695787/”]
अदालत के सामने मनीष सिसोदिया के वकील ने भी दलीलें दी। इस दौरान उन्होंने रिमांड की मांग का विरोध किया। सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई के पास पुख्ता आधार नहीं है। एलजी की मंजूरी से कमीशन को बढ़ाया गया। आरोप को कबूलने का दबाव बनाया गया। जांच में सहयोग किया तो गिरफ्तारी क्यों की।
सिसोदिया के वकील ने यह भी कहा कि, उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। शराब नीति में पारदर्शिता बरती गई। एलजी की जानकारी में सब कुछ हुआ। वकील ने कहा कि सिसोदिया ने चार फोन इस्तेमाल किए, जिनमें से तीन नष्ट हो गए? ऐसे में मुझे क्या करना होगा? उन फोन को इस उम्मीद में संभाले रखते कि एजेंसी आकर गिरफ्तार कर लेगी? इन ग्राउंड पर रिमांड देना उचित नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि, आठ घंटे पूछताछ के बाद सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।