PREGNANT
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    नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने 24 सप्ताह से अधिक समय से गर्भवती एक महिला को चिकित्सीय गर्भपात की इजाजत दी है, क्योंकि पैदा होने के बाद बच्चे के जीवित रहने की संभावना बेहद कम थी।   

    चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम 1971 के तहत गर्भपात कराने का अनुरोध करने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि शिशु यदि जीवित रह भी गया तो ठीक तरह से जीवन यापन नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही न्यायमूर्ति पल्ली ने छह अक्टूबर को दिए अपने निर्णय में महिला को लेडी हार्डिंग अस्पताल में गर्भपात कराने की मंजूरी दी।  

    इस मामले में अदालत ने चिकित्सीय बोर्ड की एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया जिसके अनुसार, भ्रूण में एक जटिल समस्या थी जिसके कारण बच्चे का जीवित रहना बहुत मुश्किल था। (एजेंसी)