All corona restrictions were abolished in Delhi, CM Kejriwal said – Schools will open completely from April 1
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    नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Bills) के विरूद्ध किसानों के प्रदर्शन से संबंधित मामले लड़ने के लिए वकीलों की समिति बनाने का पुलिस का प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज कर दिया। सरकार के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

    सूत्रों ने बताया कि यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। इसमें निर्णय हुआ है कि किसानों के आंदोलन से संबंधित अदालती मामलों में लोक अभियोजक दिल्ली सरकार के वकील होंगे। मंत्रिमंडल के निर्णय को मंजूरी के लिए उप राज्यपाल अनिल बैजल को भेजा जाएगा। दिल्ली सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के मामलों में पेश होने वाले अपने अभियोजकों को बदलने और उनकी जगह दिल्ली पुलिस के अभियोजकों की सेवाएं लेने के लिए दबाव डालने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था। 

    मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से एक बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने शहर की सीमाओं पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ मामलों में पेश होने वाले दिल्ली सरकार के वकीलों के पैनल को ‘खारिज’ कर दिया है। 

    घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने दावा किया कि यह मुद्दा दिल्ली पुलिस द्वारा गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली में हिंसा, राष्ट्रीय ध्वज का अनादर और कानून के उल्लंघन से संबंधित मामलों के लिए विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति को लेकर किए गए अनुरोध से संबंधित है। 

    सीएमओ ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘कृषि कानून विरोधी आंदोलन के आरोपी किसानों के खिलाफ केंद्र सरकार अब खुलकर सामने आ गई है। एलजी ने दिल्ली सरकार के वकीलों को मामले में पक्ष रखने से रोक दिया है। केंद्र आरोपी किसानों के विरूद्ध मामले लड़ने के लिए केजरीवाल सरकार पर राज्य के वकीलों की जगह अपने वकीलों की सेवाएं लेने का दबाव बना रहा है।” उसने कहा था कि केजरीवाल सरकार ने किसानों के खिलाफ मामलों की ‘‘निष्पक्ष” सुनवाई के लिए वकीलों की समिति बनाई थी। 

    वक्तव्य में कहा गया, ‘‘मामलों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस अपने वकीलों की समिति को नियुक्त करना चाहती है। कानून मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है लेकिन एलजी ने दिल्ली सरकार पर दबाव बनाया है कि वह मंत्रिमंडल की बैठक बुलाए और दिल्ली पुलिस के वकीलों की समिति के बारे में फैसला ले।” इसमें दावा किया गया कि जैन के साथ ऑनलाइन बैठक में एलजी ने यह माना था कि दिल्ली सरकार के लोक अभियोजक अच्छा काम कर रहे हैं और मामलों को ठीक तरह से लड़ रहे हैं। गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने 40 से अधिक मामले दर्ज किए थे। (एजेंसी)