Delhi Police files charge sheet on 120 cases, registers 750 FIRs

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    नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल की कथित हत्या से जुड़े मामले में दो आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया और कहा कि अपराध स्थल की फुटेज ”काफी स्पष्ट” है जो इन्हें हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त हैं।

    हालांकि, न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दो अन्य आदेश में इसी मामले में दो आरोपियों मोहम्मद अय्यूब और शाहनवाज को जमानत प्रदान की और कहा कि घटनास्थल पर इनकी मौजूदगी और गैरकानूनी रूप से एकत्र होने को लेकर जांच मामले की सुनवाई के दौरान की जाएगी। 

    वहीं, दो अन्य आरोपियों सादिक और इरशाद की जमानत अर्जी खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपियों की मौजूदगी दिखाने के साक्ष्य उपलब्ध हैं। अदालत ने जमानत खारिज करते हुए एक आदेश में कहा, ” वीडियों में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ स्पष्ट साक्ष्य हैं, जहां वे साफ तौर पर अपराध स्थल पर एक हाथ में डंडा थामे और दूसरे से वर्दी पहने अधिकारियों पर पथराव करते पहचाने जा सकते हैं।”