MCD
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    नई दिल्ली: दिल्ली नगर निकाय द्वारा महापौर (Mayor) पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के पश्चात उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आदेश के बाद चुनाव के लिए मंच तैयार हो गया है और दिल्ली को बुधवार को नया महापौर मिल जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (VK Saxena) द्वारा पिछले सप्ताह निगम सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के पदों के लिए चुनाव 22 फरवरी को होंगे। शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को महापौर, उप महापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।

    न्यायालय ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते। दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार, नगर निगम चुनावों के बाद सदन के पहले सत्र में महापौर और उप महापौर का चुनाव किया जाता है। 

    हालांकि, नगर निगम चुनाव हुए दो महीने से अधिक समय हो गया है। नगर निगम चुनाव पिछले साल चार दिसंबर को हुए थे। नगर निगम चुनाव के एक महीने बाद छह जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद 24 जनवरी और फिर छह फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी इस कवायद को पूरा करने में विफल रही और दोनों को महापौर का चुनाव किए बिना स्थगित कर दिया गया। 

    इस संकट ने वार्षिक बजट कार्यवाही को भी प्रभावित किया और वर्ष 2023-24 के लिए करों की अनुसूची 15 फरवरी को एमसीडी के विशेष अधिकारी द्वारा पारित की गई थी। नियमों के अनुसार करों की अनुसूची को 15 फरवरी को या उससे पहले सदन से पारित कराना होता है। हालांकि, शेष बजट 31 मार्च से पहले सदन द्वारा पारित होने की उम्मीद है, जैसा कि आवश्यक होता है। उपराज्यपाल के निर्देश के अनुसार बुधवार को सदन की जो बैठक होगी, वह छह जनवरी को स्थगित की गई सदन की पहली बैठक की कार्यवाही होगी। (एजेंसी)