Swati Maliwal
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    नई दिल्ली. दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद के प्रशासन ने मुख्य द्वारों पर नोटिस लगाकर मस्जिद में लड़कियों के अकेले या समूह में प्रवेश पर रोक लगा दी है। शाही इमाम ने गुरुवार को कहा कि यह आदेश नमाज पढ़ने आने वाली लड़कियों के लिए नहीं है। इस बीच दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इसे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन बताया और इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है।

    मालीवाल ने ट्वीट किया, “जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाना पूरी तरह गलत है। पुरुष की तरह महिलाओं को भी इबादत का हक है। मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं। किसी को इस तरह से महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने का हक नहीं है।” 

    उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह ‘शर्मनाक’ और ‘असंवैधानिक’ कृत्य है। उन्होंने कहा, “उन्हें क्या लगता है? यह भारत नहीं है। यह इराक है? क्या वे सोच रहे हैं कि महिलाओं के खिलाफ भेदभाव पर कोई खुलकर आवाज नहीं उठाएगा? संविधान से ऊपर कोई नहीं है। इस तरह के तालिबानी कृत्य के लिए हमने उन्हें नोटिस जारी किया है। हम सुनिश्चित करेंगे कि यह प्रतिबंध वापस लिया जाए।”

    आयोग ने अपने नोटिस में जामा मस्जिद में ‘बिना पुरुषों’ के महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाने के कारण पूछे हैं। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों की जानकारी भी मांगी है। उसने कहा, “अगर फैसला किसी बैठक में लिया गया तो कृपया उसके विवरण की प्रति मुहैया कराइए।” आयोग ने इस मामले में 28 नवंबर तक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)