नयी दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में उस वक्त नया विवाद खड़ा हो गया जब छात्रसंघ ने अपने कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के प्रदर्शन की घोषणा वाला एक पोस्टर जारी किया। वहीं, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कार्यक्रम को रद्द करने या “सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई” की चेतावनी दी।
सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक वृत्तचित्र के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को ‘दुष्प्रचार का हिस्सा’ बताते हुए खारिज किया है और कहा है कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। हालांकि, विपक्षी दलों ने वृत्तचित्र तक पहुंच को अवरुद्ध करने के सरकार के कदम की आलोचना की है।
JNU asks to cancel the screening of the documentary "India: The Modi Question" scheduled for 24th Jan by a group of students stating that "such an unauthorised activity may disturb peace & harmony in the University.". pic.twitter.com/yQwDah9xx7
— ANI (@ANI) January 23, 2023
जेएनयू प्रशासन ने सोमवार को एक परामर्श में कहा कि छात्रसंघ ने कार्यक्रम के लिए उसकी अनुमति नहीं ली है और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे “शांति और सद्भाव भंग” हो सकता है। जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष आइशी घोष ने फोन कॉल और संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया।
विश्वविद्यालय ने अपने परामर्श में कहा, “प्रशासन के संज्ञान में यह आया है कि छात्रों के एक समूह ने जेएनयूएसयू के नाम से एक वृत्तचित्र या फिल्म (शीर्षक) ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ का 24 जनवरी, 2023 को रात नौ बजे टेफ्लास में प्रदर्शन करने के लिए एक पर्चा जारी किया है।”
विश्वविद्यालय ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए जेएनयू प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई है, इसलिए संबंधित छात्रों को कार्यक्रम रद्द करने की सलाह दी जाती है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। (एजेंसी)