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    नयी दिल्ली. उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मुंडका (Mundka) की एक इमारत में लगी भीषण आग (Fire) के बाद कर्तव्य के निर्वहन में ढिलाई बरतने के आरोप में नरेला जोन के तीन अधिकारियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार नरेला अंचल के लाइसेंस निरीक्षक संदीप कौशिक, सामान्य शाखा के अनुभाग अधिकारी एस के शर्मा और गृह कर विभाग के अनुभाग अधिकारी बीआर मीणा को निलंबित कर दिया गया है।

    बयान में कहा गया, “प्रथम दृष्टया, यह एकीकृत एमसीडी के तत्कालीन नजफगढ़ जोन के सामान्य शाखा, गृह कर विभाग और तत्कालीन भवन विभाग के अधिकारियों की ओर से ढिलाई प्रतीत होती है।”

    इसमें कहा गया है कि 44 प्रतिष्ठान वैध स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस और दमकल विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना संचालनरत पाए गए। बयान में कहा गया है, “ऐसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी जोन के उपायुक्तों और कारखाना लाइसेंसिंग विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उचित प्राथमिकी/एनओसी एवं स्वास्थ्य लाइसेंस आदि के बिना और अनुपयुक्त क्षेत्रों में संचालित अनधिकृत फैक्ट्री इकाइयों एवं रेस्तरां का विस्तृत सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है।” उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तीन क्षेत्रों में सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है।

    बयान में कहा गया, “नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) जोन में 44 इकाइयां बिना लाइसेंस और 18 बिना अग्निशमन एनओसी के चलती पाई गईं। रोहिणी जोन में 20 इकाइयां गैर-अनुरूप क्षेत्रों में और 20 बिना अग्निशमन एनओसी के संचालित पाई गईं।”

    इसमें कहा गया कि जिस इमारत में आग लगी थी, उसमें तहखाना, भूतल, पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल थी। चौथी मंजिल पर टीन शेड वाले दो कमरे थे। स्थानीय स्तर पर जांच से पता चला है कि तहखाने का इस्तेमाल भंडारण के लिए किया जा रहा था और भूतल खाली था।

    बयान में कहा गया है कि जिस सड़क पर इमारत स्थित थी वह न तो व्यावसायिक और न ही मिश्रित भूमि उपयोग श्रेणी की थी। इसने कहा कि इमारत का इस्तेमाल औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था जिसकी अनुमति नहीं थी। इस स्थान के लिए कोई वैध कारखाना लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। (एजेंसी)