नयी दिल्ली. दिल्ली (Delhi) के ऊर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain) ने सोमवार को कहा कि एनटीपीसी (NTPC) ने शहर को दी जाने वाली चार हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति को आधा कर दिया है, जिसके बाद दिल्ली सरकार महंगी गैस आधारित बिजली के साथ-साथ उच्च बाजार दर पर इसे खरीदने पर निर्भर है।
There is coal shortage in most of the power plants. The stock is left for only 2-3 days. NTPC capped production capacity of its plants to 55%. Earlier we used to get 4000 megawatts of electricity but now we are not getting even half of that: Delhi Power Minister, Satyendar Jain pic.twitter.com/oObdOOatTU
— ANI (@ANI) October 11, 2021
ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) के अधिकतर संयंत्र 55 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर रहे हैं क्योंकि उनके पास केवल एक-दो दिन का कोयला भंडार शेष है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि दिल्ली अधिकतर बिजली एनटीपीसी से खरीदती है, लेकिन इसकी आपूर्ति आधी कर दी गई है। जैन ने कहा,‘‘ एनटीपीसी हमें 4000 मेगावाट बिजली देती है,लेकिन इसने वर्तमान में यह मात्रा आधी कर दी है।
इसके कारण हमें गैस के जरिए बिजली उत्पादन करना पड़ रहा है, जिसकी कीमत 17.25 रुपये प्रति यूनिट है।” दिल्ली में गैस आधारित तीन संयंत्र हैं, जिनकी कुल क्षमता 1900 मेगावाट है। ऊर्जा मंत्री ने कहा,‘‘ केन्द्र ने सस्ती गैस का कोटा समाप्त कर दिया है। हमें इसे खरीदना पड़ रहा है और इसके उत्पादन की लागत 17.50 रुपये है। इसके अलावा संकट के कारण हमें बिजली उच्च दरों पर 20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदनी पड़ रही है। ” जैन ने कहा कि केन्द्र को खारिज करने की जगह कोयला संकट की बात स्वीकार करनी चाहिए। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब भी बिजली कटौती का सामना कर रहा है।