Delhi, Bhagirath Palace Maket Fire
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    नयी दिल्ली. उत्तरी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में थोक बाजार भागीरथ पैलेस में भीषण आग लगने से करीब 100 दुकानें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम लगी इस आग पर अब तक पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है और शुक्रवार को 24 घंटे के बाद भी आग बुझाने का अभियान जारी रहा।

    पुलिस के मुताबिक आग लगने की घटना के दौरान पांच इमारतें प्रभावित हुईं, जिसमें से तीन दुकानें बचाव अभियान के दौरान ढह गईं। घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “शुक्रवार सुबह आग पर काबू पा लिया गया था और ठंडा करने की प्रक्रिया चल रही थी लेकिन शाम तक यह आग फिर से भड़क उठी और एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया। आग को लगे हुए करीब 24 घंटे हो चुके हैं और दमकलकर्मी अभी भी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।”

    दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रात नौ बजे दमकल की 20 गाड़ियां आग बुझाने में लगी थीं। दमकल विभाग के अनुसार, उन्हें आग लगने की सूचना बृहस्पतिवार रात नौ बजकर 19 मिनट पर मिली और दमकल की 40 गाड़ियों को तुरंत मौके पर भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि बाजार के महालक्ष्मी मार्केट इलाके में एक दुकान में आग लग गई थी, जो तुरंत ही बाकी दुकानों में फैल गई। सभी दुकानें बिजली के उपकरणों की है।

    प्लास्टिक और रबर के जलने की वजह से पैदा होने वाली जहरीली गैसों के परिणामस्वरूप आसमान में सफेद धुंआ उठ रहा था और हवा प्रदूषित हो रही है। दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ आग लगने की वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है।”

    दमकल अधिकारियों ने बताया कि कमजोर ढांचे, पानी की कमी और संकरी गलियों के कारण मकल कर्मियों को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने कहा कि आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारी और पुलिस के रिजर्व बल मौके पर पहुंच गए।

    पुलिस उपायुक्त ने कहा, “आग बुझाने का हर संभव प्रयास किया गया। फिलहाल कोई हताहत नहीं हुआ है। पांच प्रमुख इमारतें प्रभावित हुईं और इनमें लगभग 100 दुकानें थीं जो जलकर खाक हो गईं। पांच प्रभावित इमारतों में से तीन ढह गई हैं।”

    धमाकों की रुक-रुक कर हो रही आवाजों और इमारतों के टूटे-फूटे हिस्सों के गिरने की चेतावनी को नजरअंदाज कर निराश व्यापारी, जिन्होंने बदबू को रोकने के लिए अपनी नाक और मुंह रूमाल से ढके हुए थे, अपनी जली हुई दुकानों में प्रवेश करने के लिए अधीरता से इंतजार कर रहे थे ताकि वे जो कुछ भी हासिल कर सकें। एक व्यापारी जिसकी दुकान इस भीषण आग में जलकर खाक हो गई थी, जलती हुई इमारतों में से एक के बगल वाली गली में बैठ गया। व्यापारी ने ‘‘कई करोड़ों के नुकसान” होने की बात कही।

    संजय कुमार नामक एक दुकानदार ने कहा, ‘‘ हमारी दुकान नष्ट हो गई है। हम आग के पूरी तरह बुझने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि कुछ बचा है। हमें कई करोड़ का नुकसान हुआ है। ” आग बुझने का बेसब्री से इंतजार करने वालों में बलविंदर सिंह भी थे जिनकी दुकान एक प्रभावित इमारत के सामने वाली इमारत में है।

    सिंह ने कहा, ‘‘फिलहाल हमारी दुकान सुरक्षित है। मुझे रात करीब 11 बजे आग लगने की जानकारी मिली और मेरे पिता दुकान में थे। उन्होंने मुझसे कहा कि हमारी दुकान सुरक्षित है लेकिन मैं यहां आया हूं।” इस बीच, कुछ व्यापारियों ने थोक बाजार में आग लगने और दमकल की गाड़ियों के मौके पर पहुंचने में देरी के लिए इलाके की तंग गलियों, खराब बुनियादी ढांचे और ज्वलनशील सामग्री को जिम्मेदार ठहराया है।

    शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने का दावा करते हुए, कुछ व्यापारियों ने अधिकारियों पर बुनियादी ढांचे की समस्याओं को ठीक करने के लिए सुधारात्मक उपाय नहीं करने का आरोप लगाया, जिसके कारण क्षेत्र में लगातार आग लगती है। सितंबर में इसी तरह की एक घटना में तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर भीषण आग लग गई थी और 80 दुकानें जलकर खाक हो गई थीं। व्यापारियों के मुताबिक, उन्हें 400 करोड़ रुपये से अधिक का संचयी नुकसान हुआ है। बाजार में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान व गोदाम रखने वाले संजय कुमार आग के कारण क्षति का जायजा लेने तड़के ही वहां पहुंच गए। उनकी दुकान उस इमारत से करीब 50 मीटर की दूरी पर है जिसमें सबसे पहले आग लगी थी।

    संजय कुमार ने कहा, ‘‘ आग मेरे गोदाम तक पहुंच गई है। दमकल विभाग ने अब पानी का छिड़काव किया है। मुझे लगता है कि यह बुझ गयी है। ” उन्होंने बाजार में तारों के जाल की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘यहां की गलियां संकरी हैं और बुनियादी ढांचा अंग्रेजों के जमाने का है। कोई मरम्मत का काम नहीं किया गया है और न ही कोई एहतियात बरती गई है। देखिए तारों का जाल। यह त्रासदी आसन्न थी।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई दुकानों में आग फैलने के लिए अग्निशमन अभियान का खराब निष्पादन जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया, ‘‘आग को पहले बुझाया जा सकता था लेकिन पानी का दबाव कम था।”

    व्यापारियों ने दावा किया कि उनकी दुकानों पर देश और दुनिया भर से ग्राहक खरीदारी करने आते हैं। व्यापारियों ने आग बुझाने के अभियान में देरी के लिए कॉमन एरिया में अनधिकृत कियोस्क को भी जिम्मेदार ठहराया। राजेंद्र नामक एक व्यापारी ने कहा,”अग्निशमन विभाग को पहले कई कियोस्क को ध्वस्त करना पड़ा क्योंकि वाहन संकरी गलियों में प्रवेश करने में सक्षम नहीं थे। गलियां पहले से ही संकरी हैं और अनधिकृत कियोस्क से स्थिति और खराब हो जाती है।”

    व्यापारियों ने अधिकारियों पर ढांचागत समस्याओं को हल करने के लिए सुधारात्मक उपाय नहीं करने का भी आरोप लगाया, जिसके कारण क्षेत्र में अक्सर आग लग जाती है। उन्होंने सरकार से उन्हें हुए नुकसान के मुआवजे की भी मांग की। एक व्यापारी ने कहा, “हमने बाजार में सुधारात्मक उपाय करने के लिए कई बार दिल्ली सरकार को लिखा है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हर पांच से छह महीने में आग लग जाती है। कोई बुनियादी ढांचा सुधार नहीं किया गया है। हर जगह लटकते हुए तारों का जाल है और आग चेतावनी प्रणाली स्थापित नहीं की गयी है।”

    उन्होंने कहा, “सरकार को दुकानदारों को हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।” गर्ग ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया था, “चांदनी चौक में आग। दमकल की 40 गाड़ियां और 200 से अधिक दमकल कर्मी मौके पर हैं। कमजोर ढांचे, पानी की कमी संकरी गलियां चिंता का कारण बनी हुयी हैं।”

    इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि वह संबंधित जिला प्रशासन से स्थिति की जानकारी हासिल कर रहे हैं। उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, “कल देर रात चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस बाजार में आग की घटना बेहद दुखद है। कल रात से ही दमकल कर्मी पूरी मेहनत से आग बुझाने के काम में लगे हुए हैं। जिला प्रशासन से मैं लगातार इसकी जानकारी ले रहा हूं।” (एजेंसी)