प्रतीकात्मक तस्वीर
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    नई दिल्ली:  दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता की स्थिति के और खराब होने की संभावना के मद्देनजर सीएनजी चालित वाहनों, ई-ट्रक और आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छोड़कर ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा। 

    राय ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि सरकार 16 दिसंबर को निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध की समीक्षा करेगी। मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग ने पर्यावरण विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कक्षा छह और उससे ऊपर के छात्रों के लिए विद्यालयों और कोचिंग सेंटर को फिर से खोलने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि पांचवीं कक्षा और उससे नीचे के बच्चों के लिए शिक्षा विभाग ने 20 दिसंबर से स्कूलों को फिर से खोलने का सुझाव दिया है।

    राय ने कहा कि प्रस्ताव वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को भेजा जाएगा, क्योंकि शीर्ष अदालत ने स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोले जाने का निर्णय उसी पर छोड़ा है। उन्होंने कहा कि कई एजेंसियों ने निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध हटाने के लिए मौखिक अनुरोध किया है। राय ने कहा, ‘‘हमने उन्हें, हमें और सीएक्यूएम को एक आवेदन भेजने का निर्देश दिया है। हम इस संबंध में 16 दिसंबर को एक समीक्षा बैठक करेंगे।”

    मंत्री ने कहा कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक दिसंबर से 12 दिसंबर तक 250 से 325 के बीच रहा, लेकिन विशेषज्ञों ने अगले तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में मामूली गिरावट का अनुमान जताया है।  राय ने कहा कि धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जल छिड़काव अभियान जारी रहेगा और अग्निशमन विभाग, नगर निकायों और अन्य विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किये गए हैं। धूल विरोधी अभियान के तहत 6,953 स्थलों का निरीक्षण किया गया है और 597 स्थलों पर उल्लंघन करने के मामले में 1.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

    राय ने कहा कि आग जलाने के खिलाफ अभियान के तहत 16,580 स्थलों की जांच की गई है और 2,490 स्थलों पर उल्लंघन करने पर 46 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।  पर्यावरण विभाग को अक्टूबर से अब तक हरित दिल्ली एप्लीकेशन पर प्रदूषण संबंधी 6,975 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 81 प्रतिशत का समाधान किया जा चुका है। मंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें दक्षिण दिल्ली नगर निगम क्षेत्र से प्राप्त हुई हैं। राजधानी में करीब 19.50 लाख प्रदूषण नियंत्रणाधीन प्रमाणपत्रों की जांच की गई है और 49,000 वाहनों का चालान किया गया है। (एजेंसी)