Shraddha
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    नयी दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर की हत्या करने के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को इस ‘‘संवेदनशील मामले” की जांच को आगे बढ़ाने के लिए अपनी आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया। अदालत ने उसके वकील के उन दावों को खारिज कर दिया कि इस तरह के परीक्षण का आदेश देने से पहले आवेदन की एक प्रति और अभियुक्त से परामर्श करने का समय दिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि व्यापक जनहित में निष्पक्ष जांच की भी जरूरत है।

    विभिन्न निर्णयों का उल्लेख करते हुए, अदालत ने कहा कि एक अभियुक्त की सहमति केवल नार्को विश्लेषण, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ जैसे परीक्षणों के लिए आवश्यक है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौड़ ने कहा, ‘‘यह सच है कि निष्पक्ष सुनवाई एक अभियुक्त का अधिकार है लेकिन यह भी सच है कि व्यापक जनहित में निष्पक्ष जांच की भी आवश्यकता है। इस प्रकार, आईओ (जांच अधिकारी) द्वारा अभियुक्त की आवाज के नमूने की जांच करने संबंधी अनुरोध के लिए दायर आवेदन की अनुमति दी जाती है।”

    इस बीच, मजिस्ट्रेट अदालत ने पूनावाला की न्यायिक हिरासत भी 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। वह 26 नवंबर से न्यायिक हिरासत में है। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अदालत को बताया कि आईओ ने 26 दिसंबर को सुबह 10 बजे ‘वॉयस सैंपलिंग टेस्ट’ के लिए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल), सीबीआई, लोधी कॉलोनी से पहले ही समय ले लिया है।

    अदालत ने कहा, ‘‘विशेष अभियोजक की दलील पर विचार करते हुए, तिहाड़ जेल के अधीक्षक को आरोपी को ‘वॉयस सैंपलिंग टेस्ट’ के लिए सीएफएसएल, सीबीआई लोधी कॉलोनी में सुबह ठीक 9.45 बजे पेश करने का निर्देश दिया जाता है।” अदालत ने सीएफएसएल के निदेशक को जांच करने और सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट अदालत में सौंपने को कहा। (एजेंसी)