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    नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में शिक्षकों और परामर्शदाताओं के साथ-साथ चिकित्सा और पैरामेडिकल कर्मियों के रिक्त पदों को छह महीने के भीतर भरने को कहा है।

    अदालत ने रिक्तियों को भरने के लिए वकील अमित साहनी द्वारा दायर एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि अधिकारियों ने इस बाबत प्रक्रिया शुरू कर दी है और निश्चित रूप से छह महीने की अवधि के भीतर इसे पूरा कर लिया जाएगा।

    अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग द्वारा 48 शिक्षकों और 23 तकनीकी शिक्षकों को कैदियों को प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है जबकि परामर्शदाताओं के 40 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

    अदालत ने कहा कि चिकित्साकर्मियों के पदों को भरने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा, ‘‘राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि नियुक्तियां (शिक्षकों और परामर्शदाताओं की) आज से छह महीने की अवधि के भीतर की जाएं।”