नई दिल्ली: यमुना (Yamuna) में जहरीले झाग पाए जाने का सिलसिला जारी है। दिल्ली (Delhi) में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (BJP) में आरोप-प्रत्यारोप का दौर के बीच दिल्ली (Delhi) के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने बड़ी घोषणा की है। सीएम केजरीवाल ने कहा है कि, हम यमुना नदी को साफ करने के लिए छह सूत्री कार्य योजना लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं।’
एएनआई के अनुसार, सीएम केजरीवाल ने कहा, यमुना में बिना साफ किए हुए सीवर गिरा दिए जाते हैं। दिल्ली में हमारे पास 600 MGD सीवर साफ करने की क्षमता है, लेकिन हमें 750-800 MGD की ज़रूरत है। सीवर ट्रीटमेंट के नए प्लांट बनाने, पुराने प्लांटों की क्षमता बढ़ाने और टेक्नोलॉजी बदलने का काम कर रहे हैं। बहुत सारी इंडस्ट्री वेस्ट को नालों में डाल देती हैं, इसपर नकेल कसेंगे। जो इंडस्ट्री ट्रीटमेंट के लिए वेस्ट नहीं भेजेगी उसे बंद किया जाएगा।
We will be implementing a six-point action plan to clean the Yamuna river which we are hoping to complete by February 2025: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/LsyVXdur4K
— ANI (@ANI) November 18, 2021
केजरीवाल ने कहा, यमुना नदी को इतनी गंदी होने में 70 साल लगे हैं, पूरी सफाई 2 दिन में नहीं हो सकती। मैंने दिल्ली के इन चुनावों में लोगों से वादा किया था कि अगले चुनावों तक इसे साफ कर दिया जाएगा। हमने युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। हमारे पास इस पर 6 एक्शन पॉइंट हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं।
In the first action plan, we are working on sewer treatment on war-footing. First, new sewer treatment plants are being built. Second, the capacity of existing plants is being increased, Third, the technology of old treatment plants is being changed: Delhi CM Arvind Kejriwal
— ANI (@ANI) November 18, 2021
उन्होंने कहा, हम यमुना नदी को साफ करने के लिए छह सूत्री कार्य योजना लागू करेंगे, जिसे हम फरवरी 2025 तक पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं। पहली कार्ययोजना में हम युद्धस्तर पर सीवर ट्रीटमेंट पर काम कर रहे हैं। सबसे पहले नए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। दूसरा, मौजूदा संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई जा रही है, तीसरा, पुराने उपचार संयंत्रों की तकनीक को बदला जा रहा है।
बता दें कि, वजीराबाद और ओखला के बीच यमुना का 22 किलोमीटर का हिस्सा नदी में प्रदूषण भार के लगभग 80 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है और यह यमुनोत्री से इलाहाबाद तक 1,370 किलोमीटर की लंबाई का 2 प्रतिशत से भी कम है। विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से छोड़े जाने वाले सीवर के बिना शोधित पानी में फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट की मौजूदगी नदी में झाग का एक प्रमुख कारण है।