ED's big action against two Gujarat businessmen selling fake Remdesivir injections, attachment of properties
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    नई दिल्ली: कोविड-19 (Covid-19) की दूसरी लहर के दौरान पिछले साल रेमडेसिविर (Remdesivir) के कथित रूप से ‘‘नकली” इंजेक्शन (Fake Injection) बेचने वाले गुजरात (Gujarat) के दो कारोबारियों (Businessmen) की 1.04 करोड़ रुपए मूल्य की सम्पत्तियां धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

    निदेशालय ने बताया कि कौशल महेंद्र भाई वोरा और पुनीत गुणवंतलाल शाह ने सूरत स्थित एक निर्माण इकाई में वायरल रोधी दवा के नकली इंजेक्शन बनाए और उन्हें मध्य प्रदेश एवं कुछ अन्य राज्यों में बेचा। ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘आरोपियों ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन विभिन्न विक्रेताओं को बेचे, जिन्होंने इन्हें जरूरतमंद खुदरा ग्राहकों को बहुत अधिक दाम पर बेचा। कुछ मामलों में इन इंजेक्शन को ऐसे खुदरा ग्राहकों को सीधे बेचा गया, जिन्हें कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान सोशल मीडिया मंचों के जरिए आरोपियों ने चिह्नित किया था।”

    एजेंसी ने कहा कि इसके अलावा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन चिकित्सकीय दवाओं की आपूर्ति करने वाले विक्रेताओं और कोरोना वायरस का उपचार कर रहे अस्पतालों को भी बेचे गए। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया कि मध्य प्रदेश के एक अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बड़ी संख्या में खरीदे गए और ‘‘बहुत अधिक कीमतों” पर विभिन्न मरीजों को दिए गए।

    उसने कहा, ‘‘प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इस प्रकार के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में बेचे गए। आरोपियों ने कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान मानव जीवन को खतरे में डालने का अपराध करके बड़ा लाभ कमाया।” निदेशालय ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री के संबंध में मोरबी पुलिस, गुजरात और इंदौर पुलिस, मध्य प्रदेश द्वारा दर्ज की गई दो अलग-अलग प्राथमिकियों से जुड़ी जांच की, जिसके बाद यह पाया गया कि इनकी ‘‘आपूर्ति श्रृंखला” का मूल सूरत का एक निर्माण केंद्र है। उसने कहा, ‘‘यह पाया गया कि आरोपियों ने एक प्रतिष्ठित ब्रांड से मिलते जुलते नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए। इन नकली इंजेक्शन को ग्लूकोज और नमक को मिलाकर बनाया गया और ब्रांडेड मूल इंजेक्शन जैसे स्टिकर वाली शीशियों में रखा गया।”

    निदेशालय ने कहा, ‘‘मोरबी पुलिस ने सूरत स्थित फार्महाउस सह निर्माण इकाई में की गई छापेमारी के दौरान समान आकार वाली और समान दिखने वाली खाली बोतलें, भारी मात्रा में ग्लूकोज, नमक, पैकिंग सामग्री, नकली स्टिकर और अन्य कच्चा माल भारी मात्रा में जब्त किया।”

    एजेंसी ने 1.04 करोड़ रुपये नकद और आरोपियों की जमा राशि कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी कुर्की जारी की। उसने बताया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की पूरी साजिश के ‘‘मास्टरमाइंड” वोरा के पास से 89.20 लाख रुपये नकद पाए गए तथा नकली इंजेक्शन के उत्पादन एवं आपूर्ति में सह-साजिशकर्ता शाह के कब्जे से 11.50 लाख रुपये नकद और बैंक में जमा 3.92 लाख रुपये पाए गए। (एजेंसी)