MORBI
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    नई दिल्ली. गुजरात मोरबी ब्रिज हादसा (Gujarat Morbi Bridge Case) मामले पर बड़ी खबर के अनुसार अब इस घटना को लेकर कोर्ट ने ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जानकारी हो कि, जयसुख के पास ब्रिज के रेनोवेशन का ठेका था। वहीं अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एडवोकेट संजय वोरा ने बताया कि बीते 70 दिनों से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं अभी लुकआउट नोटिस जारी नहीं हुआ है। जयसुख ने फिलहाल अग्रिम जमानत के लिए स्थानीय कोर्ट का रुख किया है।

    मामले पर सरकारी वकील एडवोकेट संजय वोरा ने कहा कि, “कोर्ट ने ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसके पास मोरबी पुल के नवीनीकरण का ठेका था। बीते 70 दिनों से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। अभी लुकआउट नोटिस जारी नहीं हुआ है। पटेल ने अग्रिम जमानत के लिए एक स्थानीय अदालत का रुख किया है।”

    क्या था हादसा 

    गौरतलब है कि, गुजरात के मोरबी शहर में बीते साल 30 अक्टूबर की शाम पुल ढहने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के चलते कई परिवार तक खत्म हो गएथे । हादसे के बाद कई दिनों तक खोज एवं बचाव अभियान चलाया गया था जिसे आखिरकार 5 दिनों के बाद समाप्त कर दिया गया था। PM मोदी ने भी इस हादसे के बाद जिले का दौरा कर घायलों से भेंट की थी। 

    वहीं तब इस पुल को लेकर कई लापरवाही की खबरें सामने आईं थी। जानकारी के अनुसार पुल का रेनोवेशन करने वाली प्राइवेट कंपनी ने सरकार से अनुमति लिए बिना ही इसे दोबारा खोल दिया था। एक और चौंकाने वाला खुलासा के अनुसार रेनोवेशन के दौरान इस पुल के तार भी नहीं बदले गए थे।