अहमदनगर. महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने मंगलवार को राज्य के मंत्री चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) की उस टिप्पणी को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर निशाना साधा, जिसमें पाटिल ने दावा किया कि साल 1992 में छह दिसंबर को जब विवादित ढांचा ढहायी जा रही थी, तब शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता वहां मौजूद नहीं था।
नाम लिए बिना शिंदे ने ठाकरे और उनकी अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) पर वी.डी. सावरकर का अपमान किए जाने के समय चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने उद्धव पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वालों से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। यहां पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि पाटिल का मतलब यह है कि ढांचा गिराए जाने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) कहां मौजूद थे।
शिंदे ने कहा, ‘‘मैंने चंद्रकांत पाटिल से बात की। उनका मतलब यह पूछना था कि पूर्व मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) और जो अभी बोल रहे हैं (राज्यसभा सदस्य संजय राउत), वे उस वक्त कहां थे जब मस्जिद को तोड़ा जा रहा था।” उन्होंने कहा कि शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे ने ही ‘‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं” का नारा दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बाबरी मस्जिद मामले में बालासाहेब लखनऊ की अदालत गए थे। उस समय, लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल और उमा भारती भी वहां मौजूद थे। उस समय (अयोध्या में उस स्थान पर जहां ढांचा था) कोई दल नहीं था, सभी राम भक्त थे।”
इससे पहले दिन में पाटिल के बयान को लेकर शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी का हिंदुत्व ‘राष्ट्रवाद’ है और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हिंदुत्व क्या है। (एजेंसी)