मोरबी: मोरबी बार एसोसिएशन (Morbi Bar Association) ने बुधवार को कहा कि इसके सदस्य मच्छु नदी (Machhu river) पर बना केबल पुल टूटने के मामले में आरोपियों की पैरवी नहीं करेंगे। गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। एसोसिएशन के सदस्यों ने बुधवार को विरोध मार्च निकाला। इससे एक दिन पहले उसने पुल टूटने के मामले में आरोपियों की पैरवी नहीं करने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता ए.सी. प्रजापति (A.C. Prajapati) ने कहा, “मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन ने उनकी पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है। दोनों बार एसोसिएशनों ने यह प्रस्ताव पारित किया है।”
Gujarat | Nine accused (of Oreva co.) in #MorbiBridgeCollapse have been arrested. Morbi Bar Association & Rajkot Bar Association have decided to not take their case and represent them. Both the Bar Associations have passed this Resolution: AC Prajapati, sr adv, Morbi Bar Assn pic.twitter.com/CzZzy3OyAo
— ANI (@ANI) November 2, 2022
एक और वकील ने कहा, “एसोसिएशन के सभी वकील त्रासदी से बहुत दुखी हैं। नैतिकता के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। हम पुल गिरने में कई निर्दोष लोगों के मारे जाने के बाद, अदालत में किसी भी आरोपी का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।”
वकील हमजा लकड़वा ने एसोसिएशन के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि वह खाप पंचायत की तरह व्यवहार कर रही है। उन्होंने ट्वीट किया, “बार एसोसिएशन का काम कानून के शासन को बरकरार रखना और यह सुनिश्चित करना होता है कि अधिवक्ता उत्पीड़न के डर के बिना अपने पेशेवर कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। वह कानून और वकीलों के साथ खड़ा होता है। लेकिन इससे दूर मोरबी बार एसोसिएशन अराजक भीड़ या खाप पंचायत की तरह काम कर रहा है।”
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम. जे. खान ने मंगलवार को गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। इनमें पुल की मरम्मत में शामिल ओरेवा समूह के दो प्रबंधक और दो उप-ठेकेदार शामिल हैं।