Drone and Modi

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    बावला. गुजरात के बावला में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सुरक्षा में सेंध लगने की खबर सामने आई है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने मोदी की ओर बढ़ रहे एक ड्रोन को मार गिराया। इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक ड्रोन निहत्था था लेकिन वह कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और मंच की ओर बढ़ रहा था। घटना की जांच शुरू की गई है।

    नो ड्रोन फ्लाई जोन का उल्लंघन

    पुलिस ने कहा, “सभा स्थल के समीप मुख्य मार्ग से तीन व्यक्ति ड्रोन कैमरे से वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। सभा के पास दो किलोमीटर के पूरे क्षेत्र को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अहमदाबाद द्वारा अधिसूचना क्रमांक 77/2022 दिनांक 23/11/2022 द्वारा “नो ड्रोन फ़्लाइंग ज़ोन” के रूप में अधिसूचित किया गया था।”

    कोई विस्फोटक मिला?

    16:30 बजे (शाम 4:30) स्थानीय अपराध शाखा, अहमदाबाद ग्रामीण के एक पुलिस कांस्टेबल अनूप सिंह भरतसंग ने सभा मैदान के पास मुख्य सड़क से माइक्रो ड्रोन चलाने वाले कुछ लोगों की पहचान की। जिसके बाद ड्रोन के संचालकों को पकड़ने और ड्रोन को नीचे उतारने के लिए कहा गया। तीनों व्यक्तियों ने अनुपालन किया और ड्रोन को नीचे उतार लिया। बीडीडीएस टीम ने तुरंत ड्रोन की जांच की और पुष्टि की कि ड्रोन केवल फिल्म बनाने के लिए है और इसमें एक ऑपरेटिंग कैमरा था और इसमें कोई विस्फोटक या कोई अन्य हानिकारक वस्तु नहीं थी। आरोपियों के पास कोई प्रतिबंधित वस्तु नहीं मिली है और जब वे ड्रोन का संचालन कर रहे थे तब वे सभा की परिधीय दीवार के बाहर थे।

    आरोपियों ने पूछताछ में क्या बताया?

    इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत निम्नलिखित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। तीनों आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वहां सामान्य फोटोग्राफी के लिए गए थे और उन्हें नहीं पता था कि क्षेत्र में ड्रोन प्रतिबंधित हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड या पिछला आपराधिक इतिहास नहीं है। वे ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़े नहीं हैं। प्रथम दृष्टया व्यक्तियों को किसी भी नुकसान के लिए ड्रोन का उपयोग करने का इरादा नहीं लगता है, लेकिन पुलिस मामले में गहन पूछताछ और जांच कर रही है। गिरफ्तार लोगों की पहचान निकुल रमेशभाई परमार (24), राकेश कालूभाई भरवाड (35) और राजेश कुमार मांगीलाल प्रजापति (20) के रूप में हुई है।

    पंजाब में भी लगी सुरक्षा में सेंध

    इस साल जनवरी में, पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर जाते समय 15-20 मिनट के लिए एक फ्लाईओवर के ऊपर फंस गए थे। कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क को ब्लाक कर दिया गया था। गृह मंत्रालय ने इसे उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत की सेवानिवृत्त न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में 12 जनवरी को एक समिति का गठन किया था। समिति ने पाया था कि पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद फिरोजपुर एसएसपी अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे।