Bandar Heera Project - A harbinger of change for Madhya Pradesh

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    बंदर हीरा परियोजना अपनी तरह की पहली ग्रीनफील्ड डायमंड माइनिंग परियोजना है। इसमें एशियाई क्षेत्र की सबसे बड़ी हीरे की खदानों में से एक बनने की क्षमता है जो अंततः मध्य प्रदेश राज्य को वैश्विक मानचित्र पर लाएगी। बंदर डायमंड बुन्देलखंडियों के लिए लाभ, रोजगार के अवसर और एक नयी अर्थव्यवस्था को जन्म देगी।

    विश्व भर के 15 में से 14 हीरे भारत में तराशे और पॉलिश किए जाते हैं। और ज्यादातर यह कारोबार सूरत, गुजरात में होता है। बंदर हीरा परियोजना के साथ, राज्य सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र के आसपास के हजारों युवाओं के लिए रोजगार पैदा कर सकती है। हीरा पॉलिश उद्योग के लिए अपने युवाओं को कौशल और प्रशिक्षित करने की क्षमता के मामले में मध्य्प्रदेश का छतरपुर, गुजरात के सूरत को पीछे छोड़ सकता है।

    वहीँ एक दूसरी और छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो पहले से ही प्रतिष्ठित वैश्विक स्थलों की सूची में है और राज्य सरकार पहले से ही खजुराहो में एक नया हीरा नीलामी केंद्र शुरू करने पर विचार कर रही है, जो की खजुराहो को एक नई देगा। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के खनिज विभाग की वार्षिक समीक्षा में कहा कि खनिज स्रोत राज्य के लिए रोजगार और राजस्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

    2022 एक नई शुरुआत का साल 

    बेरोजगारी और सामाजिक प्रतिबंधों के कारण इस महामारी के दौरान युवाओं को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर,  विचारकों एवं नीति विश्लेषकों को महामारी के दौरान उत्पन्न बाधाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, युवा भारतीयों की महत्वपूर्ण चुनौतियों को संबोधित कर उनके समाधान का प्रयास करना चाहिए। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को हरी झंडी मिलने और बुंदेलखंड में नई समृद्धि लाने वाली बंदर डायमंड परियोजना के साथ, 2022 मध्य प्रदेश के लिए एक नई शुरुआत का वर्ष हो सकता है और क्षेत्र के युवाओं के लिए आशा की किरण ला सकता है।