diesel

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    इंदौर. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर (Indore) में मंगलवार को डीजल (Diesel) का दाम 32 पैसे बढ़कर 100.11 रुपये प्रति लीटर के सर्वकालिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया, जबकि पेट्रोल 26 पैसे के इजाफे के साथ 111.18 रुपये प्रति लीटर की दर पर बिका। ‘मध्यप्रदेश फेडरेशन ऑफ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष पारस जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह इतिहास में पहली बार है, जब इंदौर में डीजल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंचा है।”

    इंदौर में पिछले कई बरसों से पेट्रोल पम्प चला रहे जैन याद करते हैं कि शहर में वर्ष 1977 के दौरान डीजल का दाम महज 1.61 रुपये प्रति लीटर था। इस बीच, शहर के गीता भवन चौराहे के एक ईंधन पम्प पर अपनी कार में डीजल भरवा रहे फर्नीचर कारोबारी राजेश गुप्ता ने कहा,”मुझे समझ नहीं आता कि पेट्रोलियम पदार्थों की दिनों-दिन बढ़ती महंगाई आखिर कहां जाकर रुकेगी? कोविड-19 के प्रकोप के बाद मेरा कारोबार घट गया है, जबकि पेट्रोल-डीजल की महंगाई जेब पर बोझ बढ़ाती ही जा रही है।”

    कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता अनुरोध जैन ने कहा, “डीजल के भावों की नित नई छलांग के कारण ट्रांसपोर्टर माल भाड़ा बढ़ा रहे हैं जिसके सीधे असर से आम जरूरत की चीजें भी मंहगी हो रही हैं।” उन्होंने कहा कि आम आदमी को कमरतोड़ महंगाई से राहत देने के लिए प्रदेश सरकार को पेट्रोल-डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) तुरंत घटाना चाहिए और इन पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की वकालत करनी चाहिए। जानकारों के मुताबिक कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफे के कारण भारत की पेट्रोलियम कंपनियां भी ईंधनों के दाम बढ़ा रही हैं। भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसद कच्चा तेल आयात करता है। आयातित कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों में बदल दिया जाता है।