भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) एक बार फिर एक्शन मूड में नज़र आ रहे है। हाल ही में शिवराज सिंह चौहान बैतूल में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री भाषण दे रहे थे। लेकिन, तभी कुछ ऐसा हुआ जिसे देख सब लोग हैरान ही गए। इस कार्यकम के दौरान मुख्यमंत्री को एक शिकायत मिली। यह शिकायत मिलते ही शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने बिना कुछ सोचे-समझे सीएमएचओ, खनन अधिकारी और दो इंजीनियरों को तत्काल निलंबित कर दिया। उन्होंने मंच से इसकी घोषणा की।
मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) में पेसा एक्ट लागू हो गया है। इस कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बैतूल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खनन के मामले में ग्राम सभा का प्रस्ताव लिया जाएगा। शिवराजसिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि इस ग्राम सभा के प्रस्ताव के बिना प्रदेश में कहीं भी शराब की दुकान नहीं खोली जायेगी।
मेरे पास शिकायत आई है कि कुछ अपात्र लोगों के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा निकाला गया है। मेरे भाइयों-बहनों किसी को एक नया पैसा मत देना।
मुझे पता चला है कि सेंधवा जनपद पंचायत के सीईओ लापरवाह हैं। मैं जनपद पंचायत सेंधवा के सीईओ को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करता हूं: CM pic.twitter.com/SctInuBrVO
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 1, 2022
शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh) ने अपना भाषण जारी रखते हुए लोगों से उनकी समस्याएं पूछीं। साथ ही अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर लोगों को तत्काल राहत दी गई। उन्होंने एक झटके में चार अधिकारियों को बैतूल से निलंबित कर दिया।
ग्राम चाचरिया, जिला #Barwani में आयोजित पेसा जागरूकता सम्मेलन। #मध्यप्रदेश_पेसा_एक्ट https://t.co/ctjnkOMXQs
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 1, 2022
बिजली की समस्या को लेकर उन्होंने चिचोली से जेई पवन बारस्कर और सांईखेड़ा से जेई राहुल सिंह शाक्य को निलंबित कर दिया। साथ ही खनन मामले की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के संबंध में शिकायत मिलने पर उन्होंने खनन पदाधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी व बैतूल के सीएमएचओ डॉ। एके तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।
इस बार उन्होंने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया। मेरी नीति है न खाना और न खाने देना। इसलिए भ्रष्ट अधिकारियों को सुधारना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके खिलाफ कोई शिकायत हुई तो वह कुछ नहीं करेंगे।
पेसा अधिनियम के अनुसार ग्राम सभा को अधिकार दिया गया है। अब ग्राम सभा अपनी मालिक है। ग्राम सभा पत्थर, बालू और खदान की नीलामी करेगी। ग्राम सभा भी आदिवासियों की समिति बनाकर तेंदूपत्ता के संबंध में निर्णय ले सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि बिना ग्राम सभा की अनुमति के शराब की दुकानें नहीं खोली जा सकतीं।