Now Digvijay Singh will file an FIR against Chief Minister Shivraj

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    भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) पर राज्य में ‘‘धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश” रचने का आरोप लगाया और कहा कि वह एक ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है। 

     मंगलवार सुबह को सिंह ने ट्विटर पर एक तस्वीर डाली जिसमें कुछ युवकों को खरगोन हिंसा के सिलसिले में एक मस्जिद में भगवा झंडा फहराते हुए दिखाया गया है। असल में यह मस्जिद मध्य प्रदेश में न होकर किसी अन्य राज्य में है। हालांकि बाद सिंह ने इस ट्वीट को हटा लिया।   

    सिंह ने मंगलवार को वहां की हिंसा के संबंध में खरगोन प्रशासन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के एक वीडियो को टैग किया जिसमें मिश्रा हिन्दी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जिक्र करते हुए हिंदुओं को अपनी पहचान की रक्षा करने का आह्वान करते नजर आए। यह फिल्म कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है।   रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव और आगजनी की हिंसक घटनाओं के बाद खरगोन शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था।   

    मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ दिग्विजय सिंह भ्रम फैलाकर सांप्रदायिक तनाव को हवा देना चाहते हैं। सोशल मीडिया अकाउंट पर मस्जिद में झंडा फहराने की जो तस्वीर उन्होंने पोस्ट की है वो मध्य प्रदेश की नहीं है। इस विषय में वैधानिक कार्रवाई को लेकर विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।”   

    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्विटर पर कहा, ‘‘ दिग्विजय सिंह ने एक धार्मिक स्थल पर युवक द्वारा भगवा झंडा फहराने का फोटो सहित ट्वीट किया है, वह मध्य प्रदेश का नहीं है। दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” 

     इससे पहले दिन में सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर तस्वीर के साथ कहा, ‘‘क्या खरगोन प्रशासन ने लाठी, तलवार जैसे हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोजर चलेगा? शिवराज जी, मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है।”   

    इसके बाद भोपाल के विधायक रामेश्वर शर्मा सहित भाजपा के कुछ नेताओं ने सिंह द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर पर सवाल उठाए। कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने दावा किया कि सिंह द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर बिहार के मुजफ्फरपुर की है।    सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की तीखी प्रतिक्रियाओं के बाद सिंह ने ट्वीट को हटा लिया। उन्होंने अपने पर कानूनी कार्रवाई करने के राज्य सरकार के बयान पर अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है।   

    सिंह ने मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर सोमवार को निशाना साधा और आरोप लगाया था कि कपिल मिश्रा जहां गए, वहां दंगा-फसाद हुआ। इसपर पलटवार करते हुए मिश्रा ने आरोप लगाया कि खरगोन में पथराव और आगजनी के लिए जिहादी जिम्मेदार हैं।   

    मंगलवार को एक ताजा ट्वीट में सिंह ने मिश्रा के एक वीडियो भाषण को टैग करते हुए कहा, ‘क्या खरगोन प्रशासन एवं पुलिस ने यह भाषण नहीं सुना? क्या इस प्रकार का भाषण जनता को धर्म के आधार पर भड़काने वाला नहीं है? यह खरगोन में एक स्थान का भाषण है और कहां कहाँ कपिल मिश्रा जी के भाषण हुआ? क्या खरगोन प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी?” 

     सिंह द्वारा टैग किए गए वीडियो में मिश्रा को एक सभा में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘‘ हिंदू के अलावा हमारा कोई और पहचान नहीं होनी चाहिए। अगर वे हिंदू के अलावा किसी और पहचान की बात करते हैं तो समझ ले कि वे हमारे बीच फूट डालने की तैयारी कर रहें हैं और हमारी कश्मीर फाइल बनाने की तैयारी कर रहे हैं।”   

    मिश्रा ने सभा में कहा कि अगर लोग कश्मीर फाइल्स को नहीं समझे तो उन्हें दिल्ली फाइल्स, बंगाल फाइल्स, केरल फाइल्स, भोपाल फाइल्स देखने की जरुरत पड़ जाएगी, इसलिए जो कश्मीर में हुआ वह हमारे मोहल्ले में नहीं हो यह समझने की जरुरत है।   श्रीनगर के एक धार्मिक स्थल पर कुछ लोगों द्वारा बुरहान वानी सहित आतंकवादियों के पक्ष में नारे लगाने का दावा करते हुए मिश्रा ने कहा , ‘‘मैं उन्हें खरगोन की भूमि से बताना चाहता हूं कि जिस घर से बुरहान निकलेगा, उस घर में घुसकर मारेंगे।” 

    गौरतलब है कि मिश्रा ने कथित तौर पर फरवरी 2020 में दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बयानबाजी की थी, जिसके बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इन दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुये।