भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को भगवन बिरसा मुंडा (Bhagwan Birsa Munda) के जयंती पर देश के पहले वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन को जनता को समर्पित कर दिया। सरकार ने पीपीपी मॉडल पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से पुननिर्माण कराया है। इस के साथ सरकार ने स्टेशन का नाम देश की आखिरी आदिवासी रानी रही ‘रानी कमलापति रेलवे स्टेशन’ (Rani Kamlapati Railway Station) पर रखा है। स्टेशन का उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “रेलवे का गौरव अब गोंडवाना के गौरव से जुड़ा गया है।”
पीएम ने कहा, “इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का न केवल पुनर्विकास किया गया है बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी कमलापति के नाम को इस स्टेशन से जोड़ने से इसका महत्व भी बढ़ गया है। रेलवे का गौरव अब गोंडवाना के गौरव से जुड़ा है।”
लोगों ने स्थिति में किसी भी बदलाव की उम्मीद खो दी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “6 साल पहले जो भारतीय रेलवे के साथ कुछ काम करते थे, वे इसे कोसते हुए देखे जाते थे। भीड़भाड़ वाले स्टेशन, गंदगी, ट्रेनों के इंतजार में घंटों का तनाव, बैठने-खाने की सुविधा की असुविधा, ट्रेनों के अंदर गंदगी, सुरक्षा का तनाव दिमाग में आता था। जब रेलवे की बात की गई।”
उन्होंने आगे कहा, “लोगों ने स्थिति में किसी भी बदलाव की उम्मीद खो दी थी। उन्होंने उस से संधि कर ली थी, कि जैसा है, वैसा ही रहेगा। लेकिन जब राष्ट्र संकल्पों की प्राप्ति के लिए जुड़ता है, तब परिवर्तन अवश्य आता है, परिवर्तन अवश्य होता है। हम पिछले कुछ वर्षों में ऐसा देख रहे हैं।”
People had lost hopes of any change in situation. They had made peace with it, that it'll be as it was. But when the nation gets connected for realisation of resolves, then changes come certainly, then changes definitely take place. We've been seeing this in the past few yrs: PM pic.twitter.com/J7T9tGyenB
— ANI (@ANI) November 15, 2021
यह कार दाताओं का असली सम्मान
पीएम ने कहा, “इस तरह के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की हमेशा आम करदाताओं और मध्यम वर्ग से अपेक्षा की जाती रही है। यह करदाताओं का असली सम्मान है। यह वीआईपी संस्कृति से ईपीआई में परिवर्तन का मॉडल है – प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण है।”