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    नासिक : भूजल सर्वेक्षण (Ground Water Survey) के अनुसार राज्य के संरक्षित क्षेत्र (Protected Area) के गांव (Village) में मनरेगा (MNREGA) अंतर्गत और 3 लाख 87 हजार 500 कुएं (Wells) बन सकते है, जिसका लाभ इस परिसर के किसानों को होगा। भूजल विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में केवल सुरक्षित वर्गवारी के पाणलोट क्षेत्र में सिंचाई कुओं को बनाने के लिए अनुमति दी जाती है। राज्य के कुछ क्षेत्र में कुएं बनाकर जमीन की चालण हो गई है। पानी का स्तर कम होने से कुए बनाने के बाद भी पानी न मिलने से खर्च बर्बाद हो रहा है। 

    इसलिए परिसर के भूजल स्तर पर अभ्यास कर कुएं बनाना जरूरी है। मनरेगा के अंतर्गत कुओं का लाभ लेने के लिए भूजल सर्वेक्षण रिपोर्ट महत्वपूर्ण होता है। महाराष्ट्र भूजल (पीने के पानी के लिए विनियमन) अधिनियम 1993 की धारा 3 के अनुसार अस्तित्व में होने वाले पेयजल स्रोत के 500 मीटर परिसर में नया कुआ बनाने पर प्रतिबंध है। सरकारी निर्णय के अनुसार अस्तित्व में होने वाले पेयजल स्रोत के 500 मीटर परिसर में सिंचाई कुएं अनुज्ञेय न करें। साथ ही दो सिंचाई कुओं में 150 मीटर का अंतर की शर्त लागू नहीं है। दो सिंचाई कुओं का किमान अंतर 150 मीटर अंतर की शर्त रन ऑफ झोन और अनुसूचित जाति और जमाती और गरीबी रेखा के नीचे होने वाले परिवार के लिए लागू न करें। 

    नासिक जिले के 1146 गांव में कुएं खुदाई को हरी झंडी मिल गई है

    महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार हमी योजना के अंतर्गत सिंचन कुए मंजूर करते समय निजी कुओं से 150 मी. अंतर की शर्त लागू नहीं होगी। इसलिए अकेले नासिक जिले के 1146 गांव में कुएं खुदाई को हरी झंडी मिल गई है। नांदगाव तहसील में 100 गांव में से 72 गांवों में वैयक्तिक कुए और 19 गांवों में सामुदायिक कुए बनाए जाएंगे। 9 गांव में कुआं बनाने के लिए अनुमति नहीं दी गई है। 

    इस प्रकार है जिला क्षेत्र वर्गीकरण

    अतिशोषित क्षेत्र                13
    शोषित क्षेत्र                      3
    अंशतः शोषित क्षेत्र            18
    सुरक्षित क्षेत्र                     46

    भूजल सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार नांदगाव तहसील में 72 गांव में वैयक्तिक और 19 गांव में सामूदायिक कुए बनाने के लिए अनुमति दी गई है। सर्वेक्षण के अनुसार इन गांव के किसान मनरेगा के अंतर्गत कुएं का लाभ ले सकते है।

    - एस. डी. गोसावी, कृषि अधिकारी, पंचायत समिति, नांदगांव।

    मनरेगा अंतर्गत मैं तीन सालों से कुए बनाने के लिए प्रस्ताव पेश किया है। भूवैज्ञानिकों के सर्वेक्षण में हमारा गांव सेमी क्रिटिकल में आने से हमें वैयक्तिक कुए के लाभ से वंचित रहना पड़ा। नए सर्वेक्षण के अनुसार हमारा गांव सेफ झोन में आने से हमें अब लाभ मिलने वाला है।

    - किशोर देवकर, मनरेगा कुआ वंचित लाभार्थी, बानगांव बुद्रुक।